जलाराम मंदिर में मना अन्नकूट महोत्सव (फोटो हैरी 9, 10)-भगवान को लगाये गये छप्पन भोग, भव्य आरती के साथ पूजा संपन्न लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर गुजराती समाज के लोगों ने गुरुवार को अन्नकूट महोत्सव मनाया. बिष्टुपुर जलाराम मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की पूजा गोवर्धन रूप में की गयी. भगवान को 56 भोग लगाए गये. प्रसाद के साथ-साथ भगवान के समक्ष अनाज के पकवान तथा सब्जियां बनाकर अर्पित की गयीं. इस दौरान सबसे पहले गोबर से गोवर्धन की आकृति बनायी गयी, उस पर सींकों से रुई लगाकर पेड़ आदि बनाकर दीपक जलाकर खील, बताशे, दूध, दही, शहद आदि चढ़ाकर पूजा की गयी. अंत में भगवान को लगाये गये 56 भोग का प्रसाद भक्तों के बीच बांटा गया. पूजा में भगवान विष्णु से सदा सुख शांति बनाये रखने की प्रार्थना की गयी. इसलिए मनाया जाता है अन्नकूट उत्सव इसमें गोवर्धन पर्वत की कहानी है. इसके अनुसार एक बार देवराज इंद्र को इस बात का बहुत अभिमान हो गया कि लोग उनसे डरते हैं. त्रिकालदर्शी भगवान को अभिमान पसंद नहीं है. श्री कृष्ण भगवान ने नंद बाबा से कहा कि वन और पर्वत हमारे देवता हैं. गिरिराज गोवर्धन की छत्रछाया में उनका पशुधन चरता है, उनसे सभी को वनस्पतियां और छाया मिलती है. गोवर्धन महाराज सभी के देव, हमारे कुलदेवता और रक्षक हैं, इसलिए सभी को गिरिराज गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए. नंद बाबा की आज्ञा से सभी ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की. जब इंद्र को इस बात का पता चला तो उन्हें बड़ा क्रोध आया. उन्होंने गोकुल पर इतनी वर्षा की कि चारों तरफ जल थल हो गया. इस पर भगवान श्री कृष्ण ने पर्वत को उंगुली पर उठाकर सभी गोकुलवासियों की रक्षा की. वास्तविकता का पता चलने पर इंद्र ने भगवान से क्षमा याचना की. इसके बाद से गोवर्धन पूजा की जाने लगी.
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जलाराम मंदिर में मना अन्नकूट महोत्सव
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