हेल्थ बुलेटिन 2 ::::::स्मॉल पॉक्स::::संपादितडॉ विनोद कुमार शर्मा, जनरल फीजिशियन स्मॉल पॉक्स से बचाव के लिए बरतें एहतियात स्मॉल पॉक्स यानी चेचक एक प्रकार की वायरल इन्फेक्शन से होने वाली बीमारी है. यह बीमारी आसपास के वातावरण से फैलती है. अस्वस्थ्य खानपान के कारण भी यह बीमारी होती है. आसपास यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है, तो उसके कारण भी यह बीमारी होती है. वायरस जब शरीर की रक्त वाहिकाओं में आ जाता है, तो वह शरीर के ब्लड सेल्स को नष्ट करता है. इससे शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आती है. 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में यह बीमारी ज्यादा होती है. बीमारी होने से मरीज की आंखों में तनाव व रेडनेस, आंखों से पानी निकलता है, बुखार, उल्टी जैसा एहसास (नॉजिया) व वजन घटता है. दस्त व स्किन में रेडनेस हो जाता है. यदि इस बीमारी का इलाज नहीं कराया गया तो यह काफी घातक हो सकती है. ऐसे लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. बीमारी से बचाव के लिए साफ-सुथरे कपड़े पहने. गंदगी से दूर रहना चाहिए. दूषित खानपान से परहेज करना चाहिए. रोग से बचाव के लिए टीका लगवाना चाहिए. बीमारी : स्मॉल पॉक्स लक्षण : आंखों में तनाव व रेडनेस, आंखों से पानी निकलना, बुखार, उल्टी, वजन घटना, दस्त, स्किन में रेडनेस. बचाव : साफ-सुथरे कपड़े पहनें, गंदगी से दूर रहें, दूषित खानपान से परहेज करें, रोग से बचाव के लिए टीका लगवायें.
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हेल्थ बुलेटिन 2 ::::::स्मॉल पॉक्स::::संपादित
हेल्थ बुलेटिन 2 ::::::स्मॉल पॉक्स::::संपादितडॉ विनोद कुमार शर्मा, जनरल फीजिशियन स्मॉल पॉक्स से बचाव के लिए बरतें एहतियात स्मॉल पॉक्स यानी चेचक एक प्रकार की वायरल इन्फेक्शन से होने वाली बीमारी है. यह बीमारी आसपास के वातावरण से फैलती है. अस्वस्थ्य खानपान के कारण भी यह बीमारी होती है. आसपास यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी […]
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