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मोबाइल ने कम की क्रिएटिविट : डॉ श्रीकांत

मोबाइल ने कम की क्रिएटिविट : डॉ श्रीकांतफ्लैग::: एनएमएल में पर्यावारण पर राष्ट्रीय सेमिनार का समापन, बोले डायरेक्टर (जमशेदपुर के एनएमएल फाेल्डर में फाेटाे) लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डॉ एस श्रीकांत ने कहा है कि पर्यावरण की चुनाैतियाें काे यदि हम समझेंगे, ताे उनके निराकरण की दिशा में भी आगे बढ़ सकते […]

मोबाइल ने कम की क्रिएटिविट : डॉ श्रीकांतफ्लैग::: एनएमएल में पर्यावारण पर राष्ट्रीय सेमिनार का समापन, बोले डायरेक्टर (जमशेदपुर के एनएमएल फाेल्डर में फाेटाे) लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डॉ एस श्रीकांत ने कहा है कि पर्यावरण की चुनाैतियाें काे यदि हम समझेंगे, ताे उनके निराकरण की दिशा में भी आगे बढ़ सकते हैं. आज मोबाइल से चिपके रहने की प्रवृति हमारी सृजनात्मकता समाप्त कर रही है. इस संगोष्ठी में युवा वैज्ञानिकों व महिलाओं की बड़ी संख्या में सहभागिता से वे आशान्वित हैं. डॉ श्रीकांत एनएमएल में दाे दिवसीय राष्ट्रीय पर्यावरण पर आयाेजित सेमिनार के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को सृजनशील, लगनशील, उद्यमी और पॉजीटिव बने रहने की कामना की. उन्होंने श्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले आठ प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया. एनएमएल के सलाहकार प्रबंधन डॉ शांतनु भट्टाचार्जी ने विगत दो दशकों से पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में भूगर्भीय जल पर किये गये वैज्ञानिक अध्ययन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा कि भूगर्भीय जल में मानक से अधिक उपलब्ध तत्त्वों के कारण कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. इनमें गैस्ट्रिक, कैंसर, थायरॉयड, डेंटल फ्लोरोसिस, स्केल्टल फ्लोरोसिस व टॉक्सिक इरीटेशन आदि शामिल हैं. आयोजन में डॉ मनीष कुमार झा, सुशांत साहू एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्राध्यापक डॉ कविता परमार का योगदान रहा.सुवर्ण रेखा व खरकई की स्थिति पर जतायी चिंता कोल्हान विश्वविद्यालय की मीनू वर्मा, मनोज रंजन सिन्हा तथा रंजित प्रसाद ने जमशेदपुर खरकई नदी के जल एवं इसके प्रदूषण पर भौतिक रासायनिक पैरामीटर के आधार पर शोध प्रस्तुत किया. बताया कि इस जल में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. नदियों में प्रवाहित कचरे को रोकने के इंतजाम की आवश्यकता है. सीएसआइआर-एनएमएल की अंजू कुमारी एवं डॉ एनजी गोस्वामी ने सुवर्णरेखा नदी में उपलब्ध हेवी मेटल के कारण जैव विविधता पर पड़ने वाले व्यापक असर पर शाेध पत्र प्रस्तुत किया. इनके अलावा भी कई प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये. ———-इनके शोध पत्र रहे श्रेष्ठ केंद्रीय विश्वविद्यालय रांची की नजीज हेना खान काे प्रथम, पाैलमी चक्रवर्ती आैर मनाेज कुमार काे द्वितीय, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की गीता आैर पूजा कुमारी सिंह काे तृतीय, एनआइटी जमशेदपुर के दीपक कुमार गाेरा, केडी मेहता, बीके सिंह काे चाैथा, बीआइटी मेसरा की शिखा कुमारी पांडेय आैर तनुश्री भट्टाचार्या काे पांचवां, केंद्रीय विवि रांची के सुदिशा कर, अंकिता, श्रुति अाैर विनाेद कुमार त्रिपाठी काे छठा, केएमपीएम कॉलेज की सुनीता कुमारी व माला मंध्यान काे सातवां आैर जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की अन्नापूर्णा झा काे आठवां स्थान हासिल हुआ.

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