जब घर की रौनक बढ़ानी हो… दीपावली के पहले सफाई का दौर शुरू हो जाता है. घर की सफाई के साथ-साथ लोग उसे नया रंग और कलेवर देने में जुट जाते हैं. दीपावली में अभी 10 दिन शेष हैं. घरों की रंगाई-पुताई का दौर चरम पर है. पेंट के सामान से लेकर मजदूर तक बुक चल रहे हैं. हालांकि, कोशिश करने पर कोई भी चीज पहुंच से दूर नहीं है. लोग अपने घरों को बेहतरीन लुक देने के लिए लेटेस्ट ट्रेंड को आजमा रहे हैं. क्या है लेटेस्ट ट्रेंड पढ़िये लाइफ @ जमशेदपुर की रिपोर्ट…—————–बजट के हिसाब से घर को दे रहे लुक इस समय बाजार में रंगों के कई प्रकार दिखायी दे रहे हैं. लोग अपनी जेब के अनुसार इसका चयन कर रहे हैं. रंगाें में प्लास्टिक पेंट, वॉलवेट टच, डिस्टैंपर आदि सदाबहार माने जाते हैं. वॉलवेट टच में देखें तो इसके कई प्रकार हैं. लोग वॉलवेट डायमंड और सिल्क काफी पसंद कर रहे हैं. वॉलवेट टच के अलग-अलग रंग के लिए अलग-अलग ब्रश का इस्तेमाल किया जाता है. एक ही ब्रश से रंगने पर दीवार की फिनिशिंग अच्छी नहीं होती है. बजट को देखते हुए कई लोग डिस्टैंपर भी करा रहे हैं. नॉर्मल पेंट में फिनिशिंग के लिए दो से तीन कोट करने पड़ते है. दीवार में एक बार पेंट करने को एक कोट कहा जाता है. इसी तरह से पुट्टी और प्लास्टर ऑफ पेरिस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. पेंट कीमत प्रति लीटर डिस्टैंपर 40 रुपये प्लास्टिक पेंट 150 से 250 रुपये वॉलवेट टच 500 रुपये —————-लेटेस्ट ट्रेंड भी आजमा रहे लोगघर की खूबसूरत के लिए लोग लेटेस्ट ट्रेंड को भी आजमा रहे हैं. वह पहले बाजार आैर नेट के जरिये ट्रेंड का पता लगा लेने के बाद ही घर रंगने का ऑर्डर दे रहे हैं. नये ट्रेंड में कमरे और डायनिंग हॉल की तीन दीवारों को लाइट रंग (एक ही रंग) से और चौथी दीवार को हाइलाइट किया जा रहा है. इस दीवार का रंग अन्य तीन दीवारों से थोड़ा डीप होता है. जानकारी के मुताबिक एक दीवार को हाइलाइट कराने में छह से 15 हजार रुपये तक खर्च आता है.—————म्यूरल आर्ट भी है डिमांड में आप जैसे-जैसे पैसे बढ़ाते जायेंगे, घर की रौनक भी बढ़ती जायेगी. इस समय टेक्सचर पेंट, वॉल पेपर, स्टेंसिल पेंट, म्यूरल आर्ट को भी बिल्कुल नया माना जा रहा है. टेक्सचर पेंट में मेटेलिक और नॉन मेटेलिक दो किस्म आती हैं. टेक्सचर के लिए पहले वॉल पुट्टी की जाती है, फिर प्राइमर के बाद टेक्सचर किया जाता है. वॉल पेपर के लिए पुट्टी के बाद ऑयल प्राइमर किया जाता है. इसके बाद पेपर केमिकल द्वारा वॉल पेपर चढ़ाया जाता है. बाजार में वॉल पेपर केमिकल अलग से मिलता है. म्यूरल आर्ट का चलन भी बढ़ा है. इसके जरिये दीवारों पर थीम बेस्ड आर्ट बनायी जाती है. इसके अंतर्गत घरों की दीवारों पर पेड़-पौधे, पक्षी व कार्टून आदि बनाये जा रहे हैं. छोटे बच्चों के कमरों में छोटा भीम व अन्य कार्टून बनाने का चलन है. इसके लिए अलग से कलाकार आते हैं. प्रकार प्रति वर्ग फुट (रुपये में) वॉल पेपर 100-3000 म्यूरल आर्ट 60-150 स्टेंसिल 40-60 टेक्सचर 45 (नोट : यह खर्च मजदूर, काॅन्ट्रैक्टर सर्विस और माल मिलाकर है)——————-अलग से सजायी जाती है सीलिंग सीलिंग को अलग से सजाया जाता है. इसमें फॉल्स सीलिंग प्रयोग में लायी जाती है. यह जिपसम वूड की बनी होती है. सीलिंग के लिए पहले जीआइ की फ्रेमिंग की जाती है. इसके ऊपर जिपसम वूड हैंग होता है. सीलिंग के कोने पर कॉर्निश का इस्तेमाल किया जाता है. यह प्लास्टर ऑफ पेरिस का बना होता है. —————-फॉल्स सीलिंग का बाजार मूल्य जिपसम बार्ड (8 बाय 4) 400 रुपये जीआइ 150-400 रुपये फाशनर 60-80 रुपये कॉर्निश 250-400 रुपये प्रति पीस —————–टिकाउ होती है सीलिंगएक बार सीलिंग लग जाने पर यह लाइफ टाइम के लिए हो जाती है. वॉल पेपर और अन्य रंग कम से कम दस साल तक खराब नहीं होते. सभी तरह के रंग वॉशेबल होते हैं, जबकि वॉल पेपर धो नहीं सकते. इसे कपड़े से पोछ कर साफ किया जाता है. ————-मजदूरों की चल रही है एडवांस बुकिंग इस समय घर रंगने वाले कारीगर काफी व्यस्त चल रहे हैं. मकान मालिक और घर रंगाने के काम में लगे ठेकेदारों की मानें, तो दीपावली के समय अधिक काम होने से मजदूरों का अभाव होना स्वाभाविक है. इसलिए सभी एडवांस में मजदूरों की बुकिंग करा लेते हैं. वैसे अब भी कई इलाके में रंगाई-पुताई के लिए मजदूर मिल जाते हैं. हालांकि, मेन कारीगरों को खोजना थोड़ा मुश्किल है. ——————12 रुपये प्रति वर्ग फुट चल रही मजदूरीघर रंगने के लिए बारह रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से लेबर चार्ज लिया जा रहा है. इस तरह हिसाब लगाया जाये तो तीन बेडरूम वाले घर यानी एक यूनिट घर रंगने के लिए 12-15 हजार रुपये चार्ज लग रहा है. कॉन्ट्रैक्टर पंकज कुमार के मुताबिक एक यूनिट घर को अच्छी तरह से रंगने के लिए महीना भर लगता है. इसमें रंग आदि भी करीब-करीब 50 हजार रुपये का आ जाता है. इस तरह तीन बेडरूम वाले घर को रंगने के लिए माल सहित मजूदरी मिलाकर 80 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का खर्च आता है. एक यूनिट के घर में तीन बेडरूम, एक डायनिंग स्पेस, हॉल, एक किचन, एक बाथरूम व दो बालकनी होती है. —————यहां मिलते हैं मजदूर आजादनगर बस्ती, दोमुहानी, बागबेड़ा, घोड़ाबांधा, ह्यूमपाइप, टुइलाडुंगरी, मनीफीट मजदूरी (डेली बेसिस)पुट्टी प्रति दिन 400 रुपये डिजाइनिंग 450 रुपयेवॉल पेपर 450 रुपये पेंटिंग आदि 350 रुपये —————-काॅन्ट्रैक्टर से करा रहे हैं काम बागबेड़ा निवासी आलोक कुुमार सिंह बताते हैं कि उन्होंने घर रंगने के लिए सीधा काॅन्ट्रैक्टर से संपर्क किया. इससे मजदूर ढूंढ़ने से लेकर कई तरह के झंझट से छुटकारा मिल जाता है. काम उसी की देखरेख में होता. इससे अच्छा काम भी हो जाता है. इस संबंध में कॉन्ट्रैक्टर से एडवांस में बात हो गयी थी.
BREAKING NEWS
Advertisement
जब घर की रौनक बढ़ानी हो…
जब घर की रौनक बढ़ानी हो… दीपावली के पहले सफाई का दौर शुरू हो जाता है. घर की सफाई के साथ-साथ लोग उसे नया रंग और कलेवर देने में जुट जाते हैं. दीपावली में अभी 10 दिन शेष हैं. घरों की रंगाई-पुताई का दौर चरम पर है. पेंट के सामान से लेकर मजदूर तक बुक […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement