आधी सजा काट चुके बंदियाें की बन रही सूची- निगरानी कमेटी की बैठक में की जाती है मदद संवाददाता, जमशेदपुर जेल में आधी सजा (रेप, हत्या व गंभीर मामलों को छोड़कर) काट चुके आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों की मदद के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से गठित निगरानी कमेटी सक्रिय हो गयी है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव जीके तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी होने के बाद डालसा ने निगरानी कमेटी बनाने का आदेश दिया था. पूर्वी सिंहभूम डालसा ने सीआरपीसी 436 के तहत चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया. निगरानी कमेटी में प्रधान जिला जज को अध्यक्ष, उपायुक्त को उपाध्यक्ष व डालसा सचिव व एसएसपी को शामिल किया गया है. सात वर्ष से कम सजा वाले बंदियों को लाभ सात वर्ष से कम सजा प्राप्त बंदियों को इसकी सुविधा मिल सकती है. हत्या, रेप और अन्य गंभीर मामलों के आरोपियों को कमेटी का कोई लाभ नहीं मिलेगी. जो बंदी अपनी सजा आधी काट चुके हैं, उनकी सूची बना कर कमेटी को सौंपा जाता है. उसके बाद किस बंदी को रिहा करना है, कमेटी तय करती है. प्रत्येक तीन माह के बाद बैठक निगरानी कमेटी की बैठक हर तीन माह में होती है. जुलाई में हुई बैठक में चिन्हित बंदियों को जेल से छोड़ा गया था. इस माह के अंत में अगली बैठक होगी.
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आधी सजा काट चुके बंदियों की बन रही सूची
आधी सजा काट चुके बंदियाें की बन रही सूची- निगरानी कमेटी की बैठक में की जाती है मदद संवाददाता, जमशेदपुर जेल में आधी सजा (रेप, हत्या व गंभीर मामलों को छोड़कर) काट चुके आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों की मदद के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से गठित निगरानी कमेटी सक्रिय हो गयी […]
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