श्रेष्ठो दुर्गा पूजा प्रतियोगिता 1:::::हिंद क्लब रानीकुदरमूर्ति – पाट से बनी है मूर्ति, पूरी तरह से इकोफ्रेंडली है- 20 फुट ऊंची व 30 फुट चौड़ी हैं मूर्तियांपंडाल – पंडाल को काल्पनिक मंदिर का रूप दिया गया है – इसमें कपड़े पर पाट काठी से नक्काशी की गयी है – पंडाल की ऊंचाई 60 फुट व चौड़ाई 80 फुट है लाइटिंग – यहां चार लाइटिंग गेट लगाये गये हैं – आधा किलोमीटर तक सभी रास्ते पर लाइटिंग की व्यवस्था है- पंडाल के आसपास के सभी घर व मंदिर को सजाया गया है ———–उलियान सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी मूर्ति – मूर्ति मिट्टी से बनी है, मां को ओरिजनल गहने पहनाये गये हैं – मूर्ति 15 फुट लंबी व 13 फुट चौड़ी है. पंडाल – अलग से पंडाल नहीं बनता है, मंदिर में ही पूजा होती है – प्रांगण में गणेश, साईं बाबा की मूर्ति लगायी गयी है लाइटिंग- रोड नंबर 10, 11, 23 व 50 में लाइटिंग की व्यवस्था है – नीलतला पथ व मंदिर प्रांगण में भी लाइटिंग का उत्तम इंतजाम है – तीन लाइटिंग गेट लगाये गये हैं डेकोरेशन – मंदिर को फूलों से डेकोरेट किया गया है – सामने के द्वार को फूलों से सजाया गया है – प्रांगण में फव्वारे की व्यवस्था है ———-जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब, आदित्यपुर मूर्ति – मूर्ति पूरी तरह से बांस से बनी है, इसे कला का बेजोड़ नमूना कहा जा सकता है – यह पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचायेगा. पंडाल – पंडाल को काल्पनिक मंदिर का रूप दिया गया है- पंडाल में फाइवर व कपड़े का इस्तेमाल किया गया है लाइटिंग – मैकेनिकल लाइट का इस्तेमाल किया गया है – हर जगह एलइडी लाइट लगायी गयी हैं – चार लाइट गेट लगाये गये हैंडेकोरेशन -मुख्य द्वार पर स्वागत मुद्रा में कलम फूल के बीच खड़ी अप्सरा आकर्षण का केंद्र होगी ————-बेल्डीह कालीबाड़ी आश्रम मूर्ति – पौराणिक ढाकेश्वरी के रूप में दिख रही हैं दुर्गा मां- मूर्ति मंत्र के हर शब्द को ध्यान में रख कर बनायी गयी है- मूर्ति बनाने में केमिकल रंग इस्तेमाल नहीं हुआ है पंडाल – पांडल वाटरप्रूफ बनाया गया है – कोई दुर्घटना न हो इसलिए मजबूती का ख्याल रखा गया है लाइटिंग – सीएफएल, एलइडी व मेटल लाइट का इस्तेमाल किया गया है – पंडाल के आसपास के पेड़-पौधों को लाइट से सजाया गया है – बिजली तार लगाने में सेफ्टी का ख्याल रखा गया है —————सबुज कल्याण संघ, टेल्को मूर्ति – साबेकी साज में दिख रही है मां की मूर्ति पंडाल – यहां पंडाल नहीं बनता है, लेकिन कल्याण संघ में राजबाड़ी सी सजावट देखते ही बनती है लाइटिंग – यहां ओपेन लाइट का इस्तेमाल किया गया है – मेले में कई जगह लाइट की व्यवस्था की गयी है ————श्री राम मंदिर दुर्गा पूजा कमेटी, सोनारी मूर्ति – मां के गहने, साड़ी, अस्त्र-शस्त्र व वाहन आदि इकोफ्रेंडली बनाये गये हैं – मूर्ति में प्राकृतिक रंगों को प्रयोग किया गया है – मूर्ति तीन फ्रेम में बनी है. एक में मां दुर्गा, दूसरे में गणेश-लक्ष्मी व तीसरे में सरस्वती-कार्तिकेय हैं पंडाल – मातृ शक्ति पर पंडाल बनाया गया है – इसमें माता के सभी रूपों को दिखाया गया है – पंडाल में प्लाइवुड, बांस व कपड़े का इस्तेमाल किया गया है लाइटिंग – हर दो घंटे में पंडाल का रंग बदल जाता है, यह क्रमश: लाल, पीले, हरे व नीले रंग में दिखता है – मैदान आैर सड़कों को लाइट से सजाया गया है – लाइट की गलियारी लगायी गयी है – एलइडी लाइट इस्तेमाल में लायी गयी हैं डेकोरेशन – पंडाल के अंदर थर्माकोल व कलर रबर से डेकोरेट किया गया है – यह पूजा कमेटी का गोल्डन जुबिली वर्ष है, इसलिए थीम के तौर पर लाल, पीले रंग का इस्तेमाल किया गया है – पंडाल में माता के शक्ति रूप को दिखाया गया है
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श्रेष्ठो दुर्गा पूजा प्रतियोगिता 1:::::
श्रेष्ठो दुर्गा पूजा प्रतियोगिता 1:::::हिंद क्लब रानीकुदरमूर्ति – पाट से बनी है मूर्ति, पूरी तरह से इकोफ्रेंडली है- 20 फुट ऊंची व 30 फुट चौड़ी हैं मूर्तियांपंडाल – पंडाल को काल्पनिक मंदिर का रूप दिया गया है – इसमें कपड़े पर पाट काठी से नक्काशी की गयी है – पंडाल की ऊंचाई 60 फुट व […]
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