जमशेदपुर: 25 सितंबर 2015 से लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से पातीपानी पंचायत के आदिम जनजाति 17 बिरहोर परिवारों को बाहर करने का मामला सामने आया है.
नये राशन कार्ड की सूची में उनका नाम नहीं है. यह मामला बोड़ाम प्रखंड के पातीपानी पंचायत का है. 17 बिरहोर परिवारों को झारखंड सरकार के आदिम जनजाति योजना से अगस्त तक का 35 किलो अनाज दिया जा रहा था. अब जनवितरण प्रणाली के लाइसेंसी दुकानदार जोगेश्वर ने नया राशन कार्ड नहीं होने के कारण इस माह अनाज देने से इनकार कर दिया है. सरकार ने आदिम जनजाति लोगों को रहने के लिए बिरसा आवास दिया है. अनाज नहीं मिलने से 17 परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बिरहोर परिवार का नाम छूट गया था, बाद में एमओ ने उनका नाम जोड़ा. उनका कार्ड हर हाल में बनेगा. छपाई के बाद उनका नया राशन कार्ड बनाकर हस्ताक्षर कर जल्द दिया जायेगा. – डी तिवारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम
फॉर्म नहीं भरा : बिरहोरों ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नया राशन कार्ड बनने के संबंध में उन्हें कुछ मालूम नहीं है. कुछ दिन पहले जनवितरण प्रणाली के दुकानदार ने उनका राशनकार्ड रखा था, बाद में रद्द बताकर लौटा दिया.
इन्हें नहीं मिला इस माह राशन
मंगल बिरहोर, ठंपू बिरहोर, कार्तिक बिरहोर, जिक्युइस बिरहोर, गोविंद बिरहोर, रवि बिरहोर, छुगरू बिरहोर, बाइदा बिरहोर, सुरूबाली बिरहोर, बॉबी बिरहोर, दशरथ बिरहोर, गोदा बिरहोर, बबलू बिरहोर, दून बिरहोर, दुबराज बिरहोर, माधव बिरहोर
क्या है नियम : अादिम जनजाति को अंत्योदय लाभुक के मुताबिक 35 किलो अनाज (चावल) देने का नियम है. बिरहोर परिवारों ने बताया कि जनवितरण प्रणाली के दुकानदार हमेशा उन्हें 34 किलो अनाज देते हैं.