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संताली : मिला पुरस्कार

आलोम रेजीञा साकोम सिंदुर व भालो बासाय आलोर आशा बेस्ट फिल्म जमशेदपुरः बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच झारखंड सिने अवार्ड 2013 समारोह का आयोजन किया गया. ऑल इंडिया संताली व क्षेत्रीय फिल्म महोत्सव में बेस्ट संताली फिल्म का अवार्ड आलोम रेजीञा साकोम सिंदुर व बेस्ट क्षेत्रीय फिल्म का अवार्ड भालो […]

आलोम रेजीञा साकोम सिंदुर व भालो बासाय आलोर आशा बेस्ट फिल्म

जमशेदपुरः बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच झारखंड सिने अवार्ड 2013 समारोह का आयोजन किया गया.

ऑल इंडिया संताली व क्षेत्रीय फिल्म महोत्सव में बेस्ट संताली फिल्म का अवार्ड आलोम रेजीञा साकोम सिंदुर व बेस्ट क्षेत्रीय फिल्म का अवार्ड भालो बासाय आलोर आशा को दिया गया. फिल्म फेस्टिवल में 11 फीचर फिल्म व 3 शॉर्ट फिल्म और 4 संताली एलबम की स्क्रीनिंग की गयी थी. सिने अवार्ड समारोह में मुख्य अतिथि सुरेखा नेरुरकर एवं विशिष्ट अतिथि टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह, पूर्व विधायक सनातन माझी, दिगंबर हांसदा, बिरेन रमेश भुट्टा, पार्षद राजकुमार सिंह, सीआर माझी, विश्वनाथ मुर्मू ने चयनित कलाकारों को पुरस्कृत किया. समारोह का संचालन आइसफा के अध्यक्ष रमेश हांसदा, सुरेंद्र टुडू व गंगारानी थापा ने किया. फेस्टिवल में मुख्य अतिथि सुरेश नेरुरकर ने कहा कि भाषा और साहित्य का समाज विकास में अहम योगदान होता है. आदिवासी अपनी मातृभाषा, साहित्य व पारंपरिक पहचान को बनाये रखने के लिए साहित्य सृजन के साथ-साथ पर्दे पर भी चहल कदमी कर रहे यह सकारात्मक पहल है. आदिवासी समाज के फिल्म भी बुलंदियों पर पहुंचेगा.

स्व. जीवन मुर्मू को लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार
संताली फिल्म के भीष्म पितामह स्व. जीवन मुर्मू को मरणोपरांत लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया. पुरस्कार स्वरूप उनकी पत्नी को 25 हजार रुपये व मोमेंटो प्रदान किया गया. जबकि मल्टी सिंगर सिमल टुडू को आइसफा स्पेशल अवार्ड गायक से सम्मानित किया गया. क्षेत्रीय फिल्मों के विकास में योगदान के लिए स्व. राजराम मुर्मू व स्व. मेघनाथ टुडू के परिजनों को भी सम्मानित किया गया.
कलाकारों ने मचाया धमाल
संताली व क्षेत्रीय फिल्मों के कलाकारों ने संताली, हो, बांग्ला, खोरठा आदि भाषाओं के चर्चित गानों पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने के बाध्य कर दिया. चोल सजना, आले आतु रे माई, बुरु सोंघा रे आदि गानों पर नृत्य प्रस्तुत किया.
गीतों पर झूमे दर्शक
आदिवासी बहुल क्षेत्र में प्रसिद्ध गायिका कल्पना हांसदा ने भी अपनी प्रस्तुति दी. उन्होंने एक से बढ़कर एक लोकगीत व आधुनिक गीत पर दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया. मंगल हांसदा व सिमल टुडू ने भी अपनी गीत का जादू बिखेरा.

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