खास है यह शहर के मैदान:::::::अधूरी——————-कीनन स्टेडियमकैपेसिटी : 20 हजार लोग जहां सजते थे गलियारे, आज है विराना शहर के स्टेडियम में पड़ चुके हैं दुनिया के महान खिलाड़ियों के कदम … शहर का यह वह स्टेडियम है, जिसपर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी सुनील गावस्कर, मॉर्शल, हॉल, सलीम दुर्रानी जैसे विश्वविख्यात खिलाड़ी खेल चुके हैं. समय-समय पर यहां फुटबॉल के मैचेस भी होते हैं. शहर के जाने-माने कीनन स्टेडियम की कई सारी विशेषताएं हैं. इस स्टेडियम का ज्यादातर इस्तेमाल क्रिकेट मैच खेलने के लिए किया जाता है. स्टेडियम का नाम टाटा स्टील के पूर्व जनरल मैनेजर जॉन लॉरेंस कीनन के नाम पर पड़ा. स्टेडियम में 20 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है. इस स्टेडियम का निर्माण 1939 को हुआ था. पहले इस स्टेडियम में बिहार व अब झारखंड क्रिकेट टीम के लिए रणजी ट्रॉफी मैच का आयोजन किया जाता है. स्टेडियम में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच दिसंबर 1986 को हुआ था. यह मैच भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था. इस ग्राउंड पर कुल नौ अंतरराष्ट्रीय मैच खेले गये. सिर्फ एक बार मिली जीत बीसीए व जेएससीए के पूर्व सेक्रेटरी व वाइस प्रेसीडेंट रह चुके बीएन सिंह बताते हैं कि कीनन स्टेडियम में नौ अंतरराष्ट्रीय मैचेस हुए. लेकिन भारत सिर्फ एक ही मैच में जीत दर्ज कर पाया. भारत व साउथ अफ्रीका के बीच हुए मैच में भारत ने जीत दर्ज की थी. उस दौरान इंडिया टीम की कप्तानी सौरव गांगुली कर रहे थे. कोट———- इस स्टेडियम को मेनटेन रखा जाये, ताकि यह विलुप्त न हो जाये. शहरवासियों के साथ अन्य लोगों को काफी उत्सुकता होती है कि यहां भी आइपीएल मैचेस हों. जहां सजते थे गलियारे वहां आज है विराना… कुछ ऐसे ही हालात हैं शहर के कीनन स्टेडियम के. बीएन सिंह, पूर्व सेक्रटरी व वाइस प्रेसीडेंट (बीसीए व जेएससीए)—————————जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स कैपेसिटी : 40 हजार 1993 में जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया गया था. यह अंतरराष्ट्रीय मानको पर तैयार किया स्टेडियम है. जिसमें फुटबॉल ग्राउंड के साथ सेंथेटिक ट्रैक खास हैं. इतना ही नहीं इसमें टाटा स्टील चेस सेंटर के साथ लेडीज फिटनेस जिम्नेजियम की व्यवस्था है. मॉर्डन जिम्नेजियम भी खास है. यहां मौजूद हॉस्टल में 500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. वहीं हाल ही में इसमें सेंथेटिक ट्रेक लगाया गया है. जिसमें करीब 4 करोड़ की लागत आयी है. इससे पहले 2003 में पहली बार ट्रैक को बदला गया था. अब 12 सालों बाद फिर इसका नजारा देखते ही बन रहा है. इस स्टेडियम में करीब 40 हजार लोग एक साथ बैठकर मैच खेल का लुत्फ उठा सकते हैं. —————————टाटा फुटबॉल एकेडमीभारतीय फुटबॉल खेल को और भी ज्यादा सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ही फुटबॉल ट्रेनिंग के इस स्कूल की स्थापना की गयी. इस स्कूल में खिलाड़ियों को इस कदर तैयार किया जाता है कि वो आगे चलकर भारतीय टीम में शामिल होकर देश का प्रतिनिधित्व कर सकें. अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार इस यह पूरा कैंपर 25हजार स्कवायर फीट एरिया में तैयार किया गया है. जहां इंस्टीच्यूट होने के साथ निवास स्थान भी है. —————————-सुमंत मूलगावंकर स्टेडियम क्षमता : 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमताशहर के टाटा मोटर्स कॉलोनी के इस मुंत मूलगाओंकर स्टेडियम में कई राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर तक के एथलेटिक्स मीट हो चुके हैं.
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खास है यह शहर के मैदान:::::::अधूरी
खास है यह शहर के मैदान:::::::अधूरी——————-कीनन स्टेडियमकैपेसिटी : 20 हजार लोग जहां सजते थे गलियारे, आज है विराना शहर के स्टेडियम में पड़ चुके हैं दुनिया के महान खिलाड़ियों के कदम … शहर का यह वह स्टेडियम है, जिसपर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी सुनील गावस्कर, मॉर्शल, हॉल, सलीम दुर्रानी जैसे विश्वविख्यात खिलाड़ी खेल चुके हैं. […]
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