नोट : इस खबर को अगले माह प्रकाशित करें….डॉ एन सिंहजनरल सर्जनगॉल ब्लाडर स्टोन (पित की थैली में पथरी) की समस्या पहले की तुलना में अब ज्यादा आने लगी है. पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं में 40 फीसदी ज्यादा होने लगी है. यह बीमारी खान-पान में गड़बड़ी, बार-बार पेट में इन्फेक्शन, पित की थैली की दीवार मोटी हो जाने आदि के कारण होता है. पित की थैली की दीवार मोटी हो जाने के कारण कण पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाते हैं व अंदर ही जमा होने लगते हैं. बाद में यही पथरी का रूप ले लेते हैं. प्रेगनेंसी रोकने के लिए ओरल पिल्स लेने वाली महिलाओं को यह बीमारी ज्यादा होती है. तैलीय खाद्य पदार्थ का सेवन व मोटापे के कारण भी यह बीमारी हो सकती है. शुरुआती दिनों में इसके कारण पेट में हल्का दर्द होता है, खट्टा डकार आता है, पेट में दर्द होता है और बुखार तथा उल्टी की भी शिकायत रहने लगती है. इस प्रकार के लक्षण दिखायी दे, तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाये. बीमारी : गॉल ब्लाडर स्टोन. लक्षण : शुरुआत में हल्का दर्द, खट्टा डकार, पेट दर्द, बुखार व उल्टी आदि. बचाव : खान-पान पर ध्यान दें, प्रेगनेंसी अव्याड करें, ओरल पिल्स न लें व इन्फेक्शन से बचें.
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महिलाओं में गॉल ब्लाडर स्टोन का खतरा ज्यादा
नोट : इस खबर को अगले माह प्रकाशित करें….डॉ एन सिंहजनरल सर्जनगॉल ब्लाडर स्टोन (पित की थैली में पथरी) की समस्या पहले की तुलना में अब ज्यादा आने लगी है. पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं में 40 फीसदी ज्यादा होने लगी है. यह बीमारी खान-पान में गड़बड़ी, बार-बार पेट में इन्फेक्शन, पित की […]
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