जमशेदपुरः ठेका मजदूरों के संबंध में टाटा वर्कर्स यूनियन की रिक्वीजिशन मीटिंग बुलाये जाने पर संशय की स्थिति बन गयी है. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में टाटा स्टील मैनेजमेंट ने हस्तक्षेप किया है.
इसके बाद यूनियन के ऑफिस बियरर्स की बैठक हुई. उसमें निर्णय लिया गया है कि रिक्वीजिशन मीटिंग को हर हाल में रोका जाये, ताकि कोई विवाद उत्पन्न न हो. कोई भी ऑफिस बियरर इस बैठक को बुलाने के पक्ष में नहीं है. वहीं, रिक्वीजिशन मीटिंग बुलाने के लिए अनिल सिंह के नेतृत्व में 32 कमेटी मेंबरों द्वारा दिया गया आवेदन महामंत्री बीके डिंडा के कार्यालय में रिसीव हो चुका है.
अब कमेटी मेंबरों पर आवेदन वापस लेने के लिए दबाव बनाया जायेगा. इसके लिए मान-मनौव्वल से लेकर हर प्रयास किया जायेगा. वहीं, आधिकारिक तौर पर मीटिंग नहीं बुलाने की बात कोई नहीं कह रहा है.
क्यों मीटिंग नहीं बुलाना
चाहती है यूनियन
|ठेका मजदूरों की संख्या करीब 55 हजार है, ऐसे में टकराव की संभावना जतायी जा रही है.
|बाहरी लोगों को भी इस मुद्दे पर राजनीति करने का मौका मिल सकता है. इसके लिए मैनेजमेंट ने यूनियन पर दबाव बनाया है.
|यह पहला मौका है जब ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर मीटिंग होगी. अगर कोई नकारात्मक फैसला लिया गया तो वह भी संकट की बात होगी.
अब क्या होगा रास्ता
|या तो कमेटी मेंबर आवेदन वापस ले लें, या औपचारिक तौर पर बैठक बुलायी जाये और कोई फैसला नहीं कर सिर्फ कोरम पूरा कर लिया जाये.