(फोटो ऋषि की होगी)माइकल जॉन प्रेक्षागृह में भागवत कथा का हुआ समापनभागवत कथा की पूर्णाहुति एवं प्रसाद का कार्यक्रम आजलाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर माइकल जॉन प्रेक्षागृह में आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन प्रवचन कर्ता स्वामी दिव्यानंद सरस्वती ने श्रीकृष्ण-उद्धव संवाद, शुकदेव जी की विदायी एवं भागवत पूजन विदाई के बारे में बताया. स्वामीजी ने सुदामा चरित का वर्णन करते हुए बताया कि उनके चरित्र से हमें मित्रता का आदर्श स्वरूप सीखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि सुदामाजी अत्यंत निर्धन थे, लेकिन यह जानते हुए भी कि श्रीकृष्ण संपूर्ण ब्रह्मांड के मालिक हैं, उनसे कुछ नहीं मांगा, बल्कि अपने साथ उनके लिए ही भेंट लेकर गये. उन्होंने कहा कि सुदामा की तरह हमें भी भगवान से कुछ मांगना नहीं चाहिए, भगवान ने हमें जिस अवस्था में रखा है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए. सुदामाजी ने उन्हें अपना कष्ट नहीं बताया. उन्होंने बताया कि प्रभु कहते हैं कि दुखी लोगों के प्रति करुणा भाव रखो, तभी मन में दया की भावना आयेगी और तुम मदद कर पाओगे. उन्होंने कहा कि आपके साथ रहने वाले लोग यदि जीवन में तरक्की करने लगें तो उन्हें नीचे नहीं गिराना चाहिए, बल्कि उनकी सराहना करनी चाहिए, तभी उसके अच्छे गुण तुम्हारे जीवन में भी आयेंगे. स्वामीजी ने वैराग्य की चर्चा करते हुए बताया कि भगवान कैसे ज्ञान साधना करते हैं. उन्होंने बताया कि भगवान ने गृहस्थ धर्म बताया, ब्राह्मणों के पूजन के बारे में बताया कि उन्हें दान नहीं, बल्कि उनका सम्मान करना चाहिए. कथा का आज अंतिम दिन था. अब कल प्रात: कथा की पूर्णाहुति एवं प्रसाद का आयोजन किया जायेगा जो प्रात: 8:00 बजे से आरंभ होगा.
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भगवान जैसा रखे, उसमें संतुष्ट रहो : दिव्यानंद सरस्वती
(फोटो ऋषि की होगी)माइकल जॉन प्रेक्षागृह में भागवत कथा का हुआ समापनभागवत कथा की पूर्णाहुति एवं प्रसाद का कार्यक्रम आजलाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर माइकल जॉन प्रेक्षागृह में आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन प्रवचन कर्ता स्वामी दिव्यानंद सरस्वती ने श्रीकृष्ण-उद्धव संवाद, शुकदेव जी की विदायी एवं भागवत पूजन […]
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