जमशेदपुर: एबिलिटी अनलिमिटेड फाउंडेशन (एयूएफ) के बच्चे ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो अपनी कमियों को नाकामयाबी की ढाल बना लेते हैं. एबिलिटी अनलिमिटेड भारत का पहला डांस-थिएटर है, जो उन लोगों को नृत्य-नाट्य में प्रशिक्षित करता है और उनमें भविष्य की संभावनाएं जगाता है, जो शारीरिक या अन्य प्रकार की अक्षमता से गुज़र रहे हैं.
यह प्रयास डिसएबल युवाओं में न सिर्फ आत्मसम्मान भरता है, बल्कि उनकी शख्सीयत को विस्तार भी देता है. एयूएफ ने क्लासिकल, लोक और मॉडर्न डांस कोरियोग्राफी के ज़रिये एक ऐसा सिलिसला शुरू किया है, जो दुनिया में एक मिसाल है. इस सिलिसले को वो थिरैपेटिक थियेटर कहते हैं. ये किसी भी मायने में नवसिखुओं या शौकिया डांस करनेवालों का खेल नहीं है. रामायण ऑन ह्वील्स, दुर्गा, मार्शल आर्ट्स ऑन ह्वील्स, भगवद गीता, कृष्णा-द ब्ल्यू गॉड जैसी चर्चित प्रस्तुतियांे की बदौलत इस समूह के बच्चों ने दुनिया में अपना लोहा मनवाया है.
शारीरिक अक्षमता से गुज़र रहे इन कलाकारों की खासियत यह है कि जिस व्हीलचेयर को लोग जिंदगी का फुलस्टॉप मानते हैं, वहां से शुरू होकर ये गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा के दुनिया भर में मशहूर हो गये. यहां तक का सफर तय करने का रास्ता इनके लिए आसान नहीं था और न ही उसके लिए चुनौतियां कम थीं.
लेकिन इन्होंने जो कर दिखाया इसके पीछे छिपा है इनका अथक परिश्रम, लगन और कभी न खत्म होने वाली जिजीविषा. जिस सफाई से ये कलाकार व्हीलचेयर पर जिमनास्टिक, कत्थक, भरतनाट्यम, सूफी डांस और योग आदि का कौशल दिखाते हैं वह हतप्रभ कर देने वाला ही होता है. वास्तव में ये कलाकार ऐसे लोगों के लिए मिसाल हैं जो अपनी कमियों को आगे न बढ पाने का कारण मानकर अंधेरे में गुम हो जाते हैं. इन कलाकारों का शो जब आप देखेंगे तो सिर्फ यही कह पायेंगे कि वास्तव में इन कलाकारों का साहस और लगन सलाम करने के काबिल है.