संवाददाता, किरीबुरूसेल के मेघाहातुबुरू खदान प्रबंधन ने कलैता गांव के पांच मजदूरों का वर्ष 2007-08 में नौ माह करायी गयी मजदूरी केे पैसे का भुगतान अब तक नहीं किया. इससे मजदूर नाराज व निराश हैं. पीडि़त मजदूर चंद्रमोहन केराई ने बताया कि उक्त खदान प्रबंधन एवं किरीबुरू थाना पुलिस ने आपसी बैठक के बाद कलैता गांव के समीप का रेलवे पुल संख्या एक एवं दो की निगरानी का जिम्मा मेरे अलावा गांव के जर्मन तुबिद, अथिराम नाग, पॉलूस बरुआ एवं लादुरा चातर (अब मृत) को सौंपा. इसके एवज में तीन-तीन हजार रुपये प्रति माह वेतन निर्धारित किया गया. तीन माह तक सभी को एक स्थानीय ठेकेदार के माध्यम से वेतन भुगतान कराया गया. वहीं बाद में नौ माह के वेतन का भुगतान नहीं किया. इस मामले को लेकर तत्कालीन उपायुक्त, तत्कालीन थाना प्रभारी राजेश सिंह से मिला एवं दोनों ने प्रबंधन को वेतन भुगतान का आदेश दिया. इसके बाद वे प्रबंधन के अधिकारियों से मिले, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. ज्ञात हो कि उक्त रेल पुल के जरिये ही मेघाहातुबरू खदान से लौह-अयस्क की ढुलाई होती है. वर्ष 2007-08 में दोनों रेल पुल माओवादियों के निशाने पर थे. इसके मद्देनजर बतौर चौकीदार पांचों युवकों को काम पर लगाया गया था, जबकि नक्सली भय से युवक काम करना नहीं चाह रहे थे. ठेकेदार के अधीन मजदूरी करते थे. पुलिस के दबाव में लड़कों ने चौकीदारी का काम किया. इस बाबत प्रबंधन के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है. सारे पुराने अधिकारी बदल चुके हैं. फिर भी मामले की जांच कर न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे.
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सेल ने पांच मजदूरों के पैसे नहीं दिये, शिकायत
संवाददाता, किरीबुरूसेल के मेघाहातुबुरू खदान प्रबंधन ने कलैता गांव के पांच मजदूरों का वर्ष 2007-08 में नौ माह करायी गयी मजदूरी केे पैसे का भुगतान अब तक नहीं किया. इससे मजदूर नाराज व निराश हैं. पीडि़त मजदूर चंद्रमोहन केराई ने बताया कि उक्त खदान प्रबंधन एवं किरीबुरू थाना पुलिस ने आपसी बैठक के बाद कलैता […]
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