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सिंहभूम होमियोपैथी कॉलेज: प्राचार्य को हटाने की जिद पर अड़े शिक्षक-कर्मी कॉलेज के अस्तित्व पर संकट

जमशेदपुर: साकची स्थित सिंहभूम होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. पिछले एक वर्ष के दौरान कॉलेज में उत्पन्न स्थिति ने इसे बंदी के कगार पर ला खड़ा किया है. कॉलेज में नये सत्र के एडमिशन पर रोक लग चुकी है. आगे कॉलेज का संचालन हो पायेगा या […]

जमशेदपुर: साकची स्थित सिंहभूम होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. पिछले एक वर्ष के दौरान कॉलेज में उत्पन्न स्थिति ने इसे बंदी के कगार पर ला खड़ा किया है. कॉलेज में नये सत्र के एडमिशन पर रोक लग चुकी है.

आगे कॉलेज का संचालन हो पायेगा या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है. लेकिन इस चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच कॉलेज के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की बेमियादी कलमबंद हड़ताल जारी है. वे प्राचार्य डॉ कुलवंत सिंह से सेवानिवृत्ति लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि सेंट्रल काउंसिल फॉर होमियोपैथी (सीसीएच) व विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा 65 वर्ष किये जाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है. होमियोपैथी कॉलेज संचालन के लिए सीसीएच सबसे बड़ी बॉडी है. इसके अलावा एक याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने भी सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा 65 वर्ष किये जाने पर फैसला सुनाया है.

एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी भी दे चुकी है निर्णय
प्राचार्य डॉ कुलवंत सिंह ने बताया कि तीन माह का समय बीत चुका है. कॉलेज का अस्तित्व समाप्त होने से कैसे बचाया जाये, इसे लेकर कोई गंभीर नहीं है. अब भी सिर्फ मेरी सेवानिवृत्ति को लेकर सभी हड़ताल पर अड़े हैं, जबकि प्राचार्य हो या शिक्षक या कर्मचारी कॉलेज के बगैर किसी का अस्तित्व नहीं है. उन्होंने बताया कि सीसीएच व विश्वविद्यालय की अधिसूचना के मुताबिक वे अपने पद पर बने हुए हैं. बावजूद उन पर दबाव बनाया जा रहा है. दूसरी ओर डॉ सिंह ने जिला प्रशासन द्वारा कॉलेज के लिए गठित दो सदस्यीय एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी द्वारा निर्गत पत्र भी प्रस्तुत किया है. इसमें सीसीएच व विश्वविद्यालय की अधिसूचना के मद्देनजर डॉ सिंह को कॉलेज के प्राचार्य सह सचिव पद पर बने रहने का निर्देश दिया गया है.
नहीं पूरी हुईं सीसीएच की शर्ते
पिछले वर्ष शिक्षक-कर्मचारियों की हड़ताल के बाद कॉलेज की कई कमियां प्रकाश में आयीं. सीसीएच के प्रावधान व शर्तो के मुताबिक कॉलेज में कम से कम 25 बेड वाला अस्पताल, कर्मचारी व अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. गत वर्ष उपायुक्त कार्यालय के समक्ष शिक्षक, विद्यार्थियों के धरना आदि के बाद जिला प्रशासन ने कॉलेज की रिपोर्ट सीसीएच को भेजी. रिपोर्ट में कॉलेज में आवश्यक सुविधाओं की कमी बतायी गयी थी, जिसके मद्देनजर सीसीएच ने कॉलेज को तीन माह के अंदर प्रावधानों के तहत आवश्यक शर्तो को पूरा करने का निर्देश दिया. साथ ही निर्धारित समय सीमा के अंदर शर्ते पूरी नहीं होने की स्थिति में मान्यता समाप्त व नये सत्र (2015) से एडमिशन बंद करने का निर्देश दिया. निर्देश जनवरी में दिया गया था. तब से अब तक कॉलेज में हड़ताल आदि का दौर पूरी तरह थमा नहीं और न ही सीसीएच की कम्पलायंस पूरी हुई.

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