डॉ एमसी माजीएसएमओ, एमटीएमएचब्रेस्ट कैंसर के केस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यहां तक की यह दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. यह बीमारी पुरुषों व महिलाओं दोनों को हो सकती है. इसके होने का कारणों का अब तक सही से पता नहीं चल पाया है. हालांकि , यह बीमारी अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है. पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं को ज्यादा होती है. इस बीमारी में मरीज के स्तन में गांठ बन जाती है, जो लगातार बढ़ती जाती है. यह ट्यूमर यदि लंग्स में फैलता है तो खांसी, सांस लेने में परेशानी, फेफड़ों में पानी का जमा होना, हड्डी में फैलने से हड्डी में दर्द होना, ब्रेन में पहुंचने से मरीज का बेहोश होना, मानसिक स्थिति सामान्य न रहना आदि जैसे लक्षण दिखायी देते हैं. यदि शुरुआती स्टेज में बीमारी का पता चल जाता है, तो इस बीमारी का इलाज संभव है. बचाव के तौर पर सेल्फ एग्जामिनेशन करके सही समय पर इस बीमारी का पता लगाना जरूरी होता है. इसके लिए आईने के सामने खड़े होकर हथेली को ब्रेस्ट पर रब (फिरायें) करें. अगर कोई गांठ महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखायें. अगर किसी को परिवार में पहले से कैंसर रहा हो तो स्वत: ही डॉक्टरी चेकअप करवाएं. बीमारी : ब्रेस्ट कैंसरलक्षण : स्तन पर गांठ बन जाना व गांठ का लगातार बढ़ते जाना.उपाय : सेल्फ एग्जामिनेशन करें, लक्षण दिखते ही डॉक्टरी परामर्श लें.
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सेल्फ एग्जामिनेशन से ब्रेस्ट कैंसर को करें डिटेक्ट
डॉ एमसी माजीएसएमओ, एमटीएमएचब्रेस्ट कैंसर के केस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यहां तक की यह दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. यह बीमारी पुरुषों व महिलाओं दोनों को हो सकती है. इसके होने का कारणों का अब तक सही से पता नहीं चल पाया है. हालांकि , यह बीमारी अनुवांशिक कारणों से […]
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