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दांतों में कैविटी को ना करें नजरअंदाज

डॉ. विशाल राज सिंह, डेंटिस्टवैसे तो कैविटी, दांतों में होने वाली एक साधारण बीमारी है पर अगर इस बीमारी का नजरअंदाज किया जाये तो दांत निकलवाने तक की नौबत आ जाती है. दांतों की ठीक ढंग से सफाई न करने के बाद खाना दांतों में फंस कर सड़ता रहता है और इसमें बैक्टीरिया पनप कर […]

डॉ. विशाल राज सिंह, डेंटिस्टवैसे तो कैविटी, दांतों में होने वाली एक साधारण बीमारी है पर अगर इस बीमारी का नजरअंदाज किया जाये तो दांत निकलवाने तक की नौबत आ जाती है. दांतों की ठीक ढंग से सफाई न करने के बाद खाना दांतों में फंस कर सड़ता रहता है और इसमें बैक्टीरिया पनप कर एसिड का निर्माण करते हैं. वे दांत के एनेमल को गला देते हैं. यह बीमारी दांतों के टेेढे़-मेढे़ पन या फिर अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है. इस बीमारी में दांत में काले धब्बे हो जाते हैं और बाद में यह धब्बे गढ्ढों का रूप ले लेते हैं. ऐसे में कोई ठंडा या गर्म चीज खाने पर दांतों में सेंस्टिविटी होती है. दांतों में फिलिंग करके (रूट कैनाल) कैविटी का इलाज किया जाता है. इस बीमारी से बचने के लिए दिन में करीब दो बार ठीक ढंग से ब्रश करना चाहिए. बीमारी : दांतों में कैविटीलक्षण : दांत में काले धब्बे, गढ्ढे, ठंडा या गर्म पदार्थ खाने पर हाइपर सेंसिटिविटी का एहसास, गड्ढ़ा नर्व तक पहुंच जाये तो काफी दर्द का एहसास होना.बचाव : दिन में दो बार ब्रश करें, अगर दांतों में कुछ फंसा हो तो उसे निकाल लें, 6 महीने या साल भर के अंतराल पर रुटीन चेकअप करवाते रहें.

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