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59 सबलीज मामला: कमेटी ने 4,288 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी सबलीज आवंटन में कई खामियां

जमशेदपुर/चाईबासा: 59 टाटा सबलीज की जांच के लिए कोल्हान आयुक्त अरुण की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने जांच रिपोर्ट राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेज दी है. 909 पेज की जांच रिपोर्ट है. इसके साथ लीजधारी व सब लीजी को नोटिस, लीज धारी और सब लीज का पक्ष, एक्ट व लीज समझौते […]

जमशेदपुर/चाईबासा: 59 टाटा सबलीज की जांच के लिए कोल्हान आयुक्त अरुण की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने जांच रिपोर्ट राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेज दी है. 909 पेज की जांच रिपोर्ट है.

इसके साथ लीजधारी व सब लीजी को नोटिस, लीज धारी और सब लीज का पक्ष, एक्ट व लीज समझौते के प्रावधान, कोल ब्लॉक आवंटन और 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति समेत 3300 पेज के कागजात रिपोर्ट के साथ संलग्न किये गये हैं. जांच कमेटी ने रिपोर्ट में सबलीज आवंटन में अनियमितता बरतने की बात कही है. गुरुवार को चाईबासा में कोल्हान आयुक्त अरुण की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक हुई. बैठक में कमेटी के सचिव सह पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल, कमेटी के सदस्य सह पूर्वी सिंहभूम के अपर उपायुक्त सुनील कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के उप सचिव अरुण वाल्टर सांगा, जिला लेखा पदाधिकारी धनंजय उरांव शामिल हुए.

जमशेदपुर से जांच रिपोर्ट दो बक्से में आयुक्त कार्यालय कक्ष में लायी गयी. पूरी कमेटी के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. लगभग डेढ़ घंटे तक पांच सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट पर चर्चा की, जिसके बाद कमेटी के सभी सदस्यों ने हर पेज पर हस्ताक्षर किया. इसके बाद रिपोर्ट विभाग को भेज दी गयी. जांच रिपोर्ट के साथ कमेटी ने सबलीज वार अपना मंतव्य दिया है.
क्या है मामला
टाटा स्टील की ओर से शिक्षण संस्थान, मॉल, सरकारी कार्यालय, धार्मिक संस्थान समेत अन्य 59 लोगों को सब लीज पर जमीन दी गयी. सरकार से शिकायत की गयी कि सबलीज देने में अनियमितता बरती गयी है. इसके आधार पर सरकार ने राजस्व पर्षद के सदस्य देवाशीष गुप्ता के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की थी. देवाशीष गुप्ता ने सबलीज देने में अनियमितता और करोड़ों के राजस्व का नुकसान की बात रिपोर्ट में कही थी. इस रिपोर्ट के आधार पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी 59 सब लीज की जमीन पर निर्माण कार्य रोकने का आदेश देते हुए यथा स्थिति बनाये रखने कहा था. विभाग के आदेश के खिलाफ कई सब लीजियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. उच्च न्यायालय ने सशर्त निर्माण की अनुमति दी थी. 17 दिसंबर 2014 को उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कोल्हान आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी को सभी पक्षों की राय लेने के बाद 31 मार्च तक उच्च न्यायालय में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन हाइ कोर्ट ने तीन माह का समय बढ़ा दिया था. कमेटी ने पांच बैठकें कर कागजात व स्थल जांच कर जांच रिपोर्ट तैयार की है.

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