जमशेदपुर: किसान एवं गरीब विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ 4 मई को झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी के नेतृत्व में झारखंड बंद कराया जायेगा. बंद को राजद, जदयू, फॉरवर्ड ब्लॉक, वामपंथी दल समेत अन्य दलों का समर्थन है. यह बातें झाविमो के केंद्रीय सचिव अभय सिंह ने काशीडीह स्थित कार्यालय में आयोजित […]
जमशेदपुर: किसान एवं गरीब विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ 4 मई को झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी के नेतृत्व में झारखंड बंद कराया जायेगा. बंद को राजद, जदयू, फॉरवर्ड ब्लॉक, वामपंथी दल समेत अन्य दलों का समर्थन है. यह बातें झाविमो के केंद्रीय सचिव अभय सिंह ने काशीडीह स्थित कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कही. अभय सिंह ने कहा कि झारखंड में पूर्व से लगभग 25 लाख लोग विस्थापित हैं.
विस्थापितों के पूर्वजों को इंसाफ नहीं मिला है.नये भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का सबसे ज्यादा कोपभाजन झारखंड को बनना पड़ेगा. पूंजीपति, अमीर लोगों के लिए यह अध्यादेश लाया गया है. चुनाव पूर्व नरेंद्र मोदी ने किसानों के हक की बात कही थी, लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद से किसानों पर अत्याचार हो रहे हैं.
4 मई को झाविमो कार्यकर्ता लोकतांत्रिक ढंग से बंद कराने निकलेंगे. स्कूल, कॉलेज, ट्रांसपोर्ट, मिनी बस टेंपो एसोसिएशन को पत्र लिख कर देश एवं राज्य हित में बंद को समर्थन देने का आग्रह किया गया है. अभय सिंह ने कहा कि बंद को सफल बनाने के लिए 3 मई को काशीडीह दुर्गा पूजा मैदान से मशाल जुलूस निकाला जायेगा, जो साकची गोलचक्कर पहुंच कर सभा में तब्दील हो जायेगा. इधर, बंद को लेकर 4 मई को विपक्षी दलों की बैठक होगी. बैठक 11 बजे गांधी घाट में होगी. बैठक में जेवीएम, आरजेडी, जेडीयू , सपा एवं अन्य विपक्षी दलों के नेता भाग लेंगे. जानकारी राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष राधे प्रसाद यादव ने दी.
अध्यादेश किसान व जनता विरोधी: भुवनेश्वर
बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने 31 दिसंबर 2014 को रात 12 बजे के पहले राष्ट्रपति के दस्तखत से पास कराया.यह अध्यादेश किसान एवं जनता विरोधी है. 1894 में जब देश गुलाम था उस समय भूमि अधिग्रहण कानून बनाया गया था.अंग्रेजों ने यह कानून देश के किसानों की जमीन लेने के लिए बनाया था. इसके बाद देश में किसानों की जमीन अधिग्रहण होता रहा. यूपीए सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने 31 जुलाई 2011 को भूमि अधिग्रहण विधेयक का मसौदा पेश किया और सभी दल के सांसद, सामाजिक संगठन तथा व्यक्ति गत रूप से सभी से सुझाव मांगा और इसके बाद इसे संसद में भेजा. सितंबर 2013 में सभी दलों के लोगों की तालियों के साथ इसे पास किया गया. 11 माह के कार्यकाल में भाजपा की सरकार ने किसान विरोधी विधेयक को पास कर दिया. ऐसे कानून के विरुद्ध झारखंड की एक दर्जन छोटी-बड़ी पार्टियां एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने 4 मई को झारखंड बंद का निर्णय लिया है.