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स्कूलों को दिसंबर तक दुरुस्त करें

जमशेदपुर: शहरों में दो तरह की शिक्षा व्यवस्था है, प्राइवेट व सरकारी विद्यालय. सरकारी विद्यालयों में सुविधाओं का अभाव है. विशेष कर उत्क्रमित विद्यालयों के पास अपना भवन नहीं है. बच्चों के लिए बैठने की भी व्यवस्था नहीं है. इस ओर विभाग व सरकार का ध्यान नहीं जायेगा, तो समुचित मानव संसाधन तैयार नहीं हो […]

जमशेदपुर: शहरों में दो तरह की शिक्षा व्यवस्था है, प्राइवेट व सरकारी विद्यालय. सरकारी विद्यालयों में सुविधाओं का अभाव है. विशेष कर उत्क्रमित विद्यालयों के पास अपना भवन नहीं है. बच्चों के लिए बैठने की भी व्यवस्था नहीं है. इस ओर विभाग व सरकार का ध्यान नहीं जायेगा, तो समुचित मानव संसाधन तैयार नहीं हो पायेगा.

विभागीय पदाधिकारी ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार कर स्थानीय निकाय से संपर्क करें और दिसंबर तक वहां बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. यह बात राज्य के संसदीय कार्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कही. वह शनिवार को विद्यालय चलें चलायें अभियान के तहत मानगो स्थित राष्ट्रपिता गांधी मध्य विद्यालय में आयोजित नामांकन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कई सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना का अभाव है. शिक्षकों की कमी, शिक्षकों की प्रोन्नति आदि समस्याएं हैं, जिनका समाधान जरूरी है. अभियान की चर्चा करते हुए श्री राय ने कहा कि यह राज्य सरकार का एक विशेष प्रयास है, ताकि अनामांकित व ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल लाया जाये. यह अभियान व्यापक रूप से सफल होगा और राज्य की रीढ़ यानी शिक्षा बेहतर होगी. छठी कक्षा में आकर पढ़ाई छोड़ते हैं अधिकांश बच्चे: पिछले दिनों पश्चिम सिंहभूम में प्रस्तुत किये गये एक अध्ययन का हवाला देते हुए सरयू राय ने कहा कि अधिकांश बच्चे छठी कक्षा में आकर स्कूल या पढ़ाई छोड़ते हैं.

वजह कि वे काम करने योग्य हो जाते हैं. हालांकि छठी कक्षा से पहले या बाद में भी बच्चे पढ़ाई छोड़ते हैं, लेकिन उनकी संख्या औसतन कम होती है. अत: विभागीय पदाधिकारी, शिक्षकों को ध्यान देना होगा कि घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चों को काम पर न लगाया जाये. इसके लिए उनके अभिभावकों को विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार से जोड़ा जा सकता है. बच्चों को कम से कम एक वक्त पोषाहार मिले, इसी उद्देश्य से मध्याह्न् भोजन दिया जाता है. बच्चे केवल मध्याह्न् भोजन खा कर चलें न जायें, शिक्षा भी ग्रहण करें. यह भी ध्यान रखना होगा.

आरटीइ कानून में संशोधन की जरूरत
निजी स्कूलों में आरटीइ के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने व अभिभावकों की समस्या के समाधान के लिए संसदीय कार्य मंत्री श्री राय ने कानून में परिवर्तन की आवश्यकता बतायी. उन्होंने कहा कि इसके लिए आरटीइ कानून में आवश्यक संशोधन करना होगा. तभी निजी स्कूलों पर लगाम कसा जा सकता है. उन्होंने क्षेत्र में कंपनियों के दायित्व पर भी चर्चा की. कहा कि लीज व आसपास के क्षेत्र में सीएसआर के तहत शिक्षा उपलब्ध कराना कंपनियों का दायित्व है, लेकिन टाटा स्टील भी अब हाथ खींचती जा रही है. श्री राय ने करीब दर्जन भर बच्चों का रजिस्टर में नाम दर्ज कर नामांकन किया. साथ ही बच्चों में पोशाक व कॉपी-किताब का वितरण किया. समारोह में एडीसी सुनील कुमार व डीएसइ इंद्र भूषण सिंह ने भी अपने विचार रखे. बीइओ संजय सिंह ने स्वागत भाषण किया. इस अवसर पर एमएनएसी के विशेष पदाधिकारी, बीइओ एसके त्रिपाठी, स्थानीय बीइइओ प्रवीण सिन्हा, एडीपीओ प्रकाश कुमार, एनसी मुखर्जी व अन्य पदाधिकारी, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका तारा शबनम समेत सभी शिक्षक-शिक्षिका, अभिभावक एवं छात्र-छात्रएं उपस्थित थे.

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