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मनरेगा : दो पंचायतों में तीन साल में नहीं हुआ कोई काम

वन विभाग की जमीन पर होना था काम, एनओसी में फंसा पेंच संवाददाता, किरीबुरूवन विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से पिछले तीन वर्ष से मेघाहातुबुरू (उत्तरी एवं दक्षिणी) तथा किरीबुरू (पश्चिम) पंचायत में एक भी मनरेगा का कार्य नहीं हुआ. वर्ष 2014-15 की मेघाहातुबुरू उत्तरी व दक्षिणी पंचायत की 10 स्वीकृत मनरेगा से […]

वन विभाग की जमीन पर होना था काम, एनओसी में फंसा पेंच संवाददाता, किरीबुरूवन विभाग से एनओसी नहीं मिलने की वजह से पिछले तीन वर्ष से मेघाहातुबुरू (उत्तरी एवं दक्षिणी) तथा किरीबुरू (पश्चिम) पंचायत में एक भी मनरेगा का कार्य नहीं हुआ. वर्ष 2014-15 की मेघाहातुबुरू उत्तरी व दक्षिणी पंचायत की 10 स्वीकृत मनरेगा से बनने वाली ग्रामीण सड़कें अधर में लटकी हैं. रोजगार सेवक बागुन मुंडारी ने बताया कि ज्ञापांक – 763, दिनांक 21.06.14 को डीआरडीए विभाग से स्वीकृत, सागवान बेड़ा – काटोगड़ा (1.5 किमी), गब्रियल मुंडा के घर-काटोगड़ा मुख्य पथ (1.5 किमी), नवागांव प्राथमिक विद्यालय-बंगलाबुरू (1.5 किमी), बंगलाबुरू-काटे सिद्धू के घर (2 किमी), मनगांव जोड़ा पुल-सनिका के घर (1.5 किमी), बोआस मुंडा के घर – एतवा सिद्धू के घर (1.5 किमी), मनगांव मुख्य पथ – भुइयां बस्ती (1.5 किमी), करमपदा शिव मंदिर-सुरेश के घर (1.5 किमी), राधा के घर-देवधारी धर (1.5 किमी) मिट्टी-मुरुम सड़क का एनओसी के लिए पत्रांक संख्या 1046, दिनांक 3.09.14 को किरीबुरू के रेंजर को आवेदन दिया गया, जिसे आज तक स्वीकृति नहीं मिली. बागुन मुंडारी ने कहा कि उक्त गांवों में सैकड़ों जॉब कार्डधारी बेकार पड़े हैं. इन स्वीकृत योजनाओं का एनओसी मिलता तो उन्हें रोजगार भी मिलता एवं गांव का विकास भी होता. दूसरी तरफ इस मामले में रोजगार सेवक ने एक सप्ताह पूर्व किरीबुरू दौरे पर आये जिला योजना पदाधिकारी से भी शिकायत की. जिसके बाद योजना पदाधिकारी ने रेंजर से बात की. जिसमें कहा गया कि एक सप्ताह में एनओसी दे दी जायेगी, लेकिन अब तक नहीं मिली.

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