पुलिस के मुताबिक मई 2014 में हरपाल सिंह जगदेव सिंह के घर गया और यस बैंक फाइनांस से लोन दिलाने संबंधी जानकारी दी. जगदेव ने लोन के लिए आवेदन दिया. इसके बाद हरपाल अपनी बहन सुखपाल कौर को बैंक का अधिकारी बनाकर जगदेव के घर ले गया.
महिला ने दस्तावेज देखने के बाद सात से 14 लाख रुपये तक लोन दिलवाने की बात कही और कहा कि लोन के लिए चार लाख सिक्यूरिटी मनी जमा करनी होगी. कुछ दिनों के बाद यूको बैंक द्वारा जारी 7.22 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट (नंबर 848608) दिखाया और सिक्यूरिटी मनी मांगी. इसके बाद जगदेव ने चेक के माध्यम से चार लाख रुपये दे दिये. बाद में बैंक से डीडी पास नहीं हुआ और उन्हें लोन नहीं मिला. पर उसने अपने रुपये वापस मांगे. आरोपियों ने उसे चेक जारी किया, जो बाउंस हो गया.