आदित्यपुर: दुगनी में आदित्यपुर ऑटो कलस्टर के माध्यम से 22 एकड़ भूखंड पर ठोस कचरा प्रबंधन के लिये हजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए आयडा ने भूमि के एवज में जिला प्रशासन को पुनरीक्षित दर के तहत और 6.68 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. पहले करीब दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. आयडा एमडी युगल किशोर चौबे के अनुसार जमीन के हस्तांतरण के बाद सरकार के आदेश पर यहां काम शुरू होगा. प्लांट का निर्माण व संचालन बीओटी के आधार पर होगा. सिस्टम के लिये प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से लाइसेंस लिया जायेगा.
लाइसेंस के अभाव में लटका सीइटीपी
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से लाइसेंस नहीं लिये जाने के कारण आदित्यपुर ऑटो कलस्टर का तरल कचरा प्रबंधन प्लांट सीइटीपी (कॉमन इफ्लुएंट ट्रिटमेंट प्लांट) अब तक शुरू नहीं हुआ है. यह प्लांट औद्योगिक क्षेत्र के लार्ज सेक्टर में बनकर तैयार हो गया है. ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट के लाइसेंस के साथ इसका भी लाइसेंस मिलेगा, तब कही जाकर यह प्लांट शुरू होगा.
नयी नीति लागू होने पर लगेंगे उद्योग
आयडा के एमडी युगल किशोर चौबे ने बताया कि आयडा की नयी भूमि आवंटन नीति को सरकार से मंजूरी मिलने पर कई उद्योगों की स्थापना के मार्ग प्रशस्त होंगे. औद्योगिक क्षेत्र में करीब 300 प्लॉट बंद पड़ी कंपनियों के कब्जे में बेकार पड़े हुए है. जमीन के अभाव में नये उद्योग नहीं लग पा रहे हैं, इससे नये उद्यमी को अवसर और सरकार को राजस्व नहीं मिल रहे हैं.
शो रूम का मामला कोर्ट पहुंचा
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में नियम के खिलाफ खुले विभिन्न वाहनों के शो रूम का मामला कोर्ट पहुंच गया है. यहां सर्विस सेंटर के नाम पर लिए गये बड़े-बड़े भूखंडों पर करीब दो दर्जन शो रूम खुल गये हैं. आयडा ने उन्हें कॉमर्शियल रेंट देने की नोटिस दी. इस पर कुछ शो रूम संचालकों ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है. कोर्ट से स्टे लगा दिये जाने के कारण आयडा की कार्रवाई रूक गयी है.
बकाया वसूली के लिए होगा केस
आयडा उद्योंगों से अपना बकाया रेंट व लेवी वसूलने के सर्टिफिकेट केस करेगा. यहां करीब 800 उद्योंगों पर एरियर समेत बकाया लगभग 13 करोड़ तक पहुंच गया है.