आनंदमार्ग प्रचारक संघ ने किया आयोजनजमशेदपुर. आदित्यपुर माझी टोला रैना बसेरा में रविवार को अपराह्न 2 बजे से छह घंटे का अखंड ‘बाबा नाम केवलम्’ संकीर्तन का आयोजन हुआ. लाल बिहारी आनंद ने शास्त्रों में परम पुरुष का एक नाम विष्णु है. संस्कृत में विष् (प्रवेश करना) धातु से निष्पन्न ‘विष्णु’ शब्द का अर्थ है व्यापन शील अर्थात् जो प्रत्येक सत्ता के अंदर अनुप्रविष्ट रहता है. असीम, अनंत, अखंड, सर्वव्यापी इस सत्ता के कारण ही विश्व की सारी सत्ताएं टिकी हुई हैं. शास्त्रों के अनुसार देवर्षि नारद ने एक बार भगवान विष्णु से जानना चाहा था कि वे तो सर्वव्यापी हैं, लेकिन सभी जगहें उनकी पसंद की नहीं हो सकती हैं. इसलिए बतायें कि आपकी सर्वप्रिय जगह कौन सी है, जहां आप रहना चाहते हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा,’नाऽहम् तिष्ठामि वैकुंठे योगीनां हृदये न च। / मद्भक्त ा: यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद।।’ अर्थात् न तो मैं बेकुंठ में रहता हूं और न योगियों के हृदय में मेरा निवास है. मेरे भक्त गण मुझे जहां प्रेम से याद करते हैं, मेरा भजन-कीर्तन करते हैं, वहीं मेरा प्रिय स्थान है. इस अवसर पर योगेश जी, सीताराम जी, सुनील आनंद, पीएन राय, नीलकंठ, केदार जी, विजय बहादुर सिंह, सुधीर सिंह, बीएन कुमार, धार्मदेव सिंह, विश्वनाथ जी, डॉ प्रभात, गौतम जी आदि अनेक लोग उपस्थित थे.
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आदित्यपुर में छह घंटे का संकीर्तन (फोटो आनंदमार्ग के नाम से सेव हैं)
आनंदमार्ग प्रचारक संघ ने किया आयोजनजमशेदपुर. आदित्यपुर माझी टोला रैना बसेरा में रविवार को अपराह्न 2 बजे से छह घंटे का अखंड ‘बाबा नाम केवलम्’ संकीर्तन का आयोजन हुआ. लाल बिहारी आनंद ने शास्त्रों में परम पुरुष का एक नाम विष्णु है. संस्कृत में विष् (प्रवेश करना) धातु से निष्पन्न ‘विष्णु’ शब्द का अर्थ है […]
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