पहले के जमाने में रील वाले कैमरे चला करते थे, जिनसे फोटोज के नेगेटिव निकला करते थे. इसके बाद इन नेगेटिव्स को लैब में डेवलप करना होता था. यह प्रक्रिया काफी कठिन थी. उन दिनों जहां एनलार्ज सॉफ्टवेयर को यूज किया जाया करता था, जो अपेक्षाकृत काफी टफ था. इसके बाद मार्केट में क्विक सर्विस सिस्टम लांच हुआ है और इससे नेगेटिव्स को डेवलप करना आसान हो गया. पहले नेगेटिव में ही कलर देखना होता था, पर अब तो फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से भी आप कलर को बैलेंस कर सकते हैं. अब तो कैमरे भी काफी अत्याधुनिक हो गये हैं. जहां तक बात है इस प्रोफेशन की है तो फोटोग्राफी इंडस्ट्री काफी तेजी से डेवलप हो रही है. इसके साथ ही लैब टेक्नीशियंस की डिमांड भी काफी तेजी से बढ़ रही है. लैब टेक्नीशियन बनने के लिए आप लैब ऑपरेटर का डिप्लोमा कर सकते हैं. इसके लिए पुणे में बेस्ट कॉलेज है. इसके अलावा लैब ऑपरेटर के कई शॉर्ट टाइम कोर्स हैं, जो कई तरह की लैब्स की ओर से प्रोवाइड कराये जाते हैं. इस प्रोफेशन में सिटी और कंट्री में तो अच्छे अवसर हैं. विनय उपाध्यायसब्जेक्ट एक्सपर्ट
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कॅरियर टिप्स – लैब टेक्नीशियन की भी है डिमांड
पहले के जमाने में रील वाले कैमरे चला करते थे, जिनसे फोटोज के नेगेटिव निकला करते थे. इसके बाद इन नेगेटिव्स को लैब में डेवलप करना होता था. यह प्रक्रिया काफी कठिन थी. उन दिनों जहां एनलार्ज सॉफ्टवेयर को यूज किया जाया करता था, जो अपेक्षाकृत काफी टफ था. इसके बाद मार्केट में क्विक सर्विस […]
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