स्कूल स्पोर्ट्स से मिलता बेहतर प्लेटफॉर्म स्पोर्ट्स का स्कोप दिनों-दिन बढ़ रहा है. लेकिन बेस्ट कोचिंग सेंटर या उम्र के किस पड़ाव पर स्पोर्ट्स से जुड़ना चाहिए जैसी बात को लेकर छात्र थोड़े कंफ्यूज रहते हैं. एक स्पोर्ट्स टीचर होने के नाते मुझे लगता है कि स्कूल इसके लिए बेस्ट है. स्कूल से ही छात्र अगर स्पोर्ट्स से जुड़ जाते हैं तो बड़े कंपीटीशन फेस करने तक आपके पास काफी अनुभव आ जाते हैं. स्कूल लाइफ में आपका मानसिक स्तर ऐसा होता है कि जिसे केवल सही दिशा देने की जरूरत होती है. इस उम्र में आपमें काफी ऊर्जा होती है. अगर आप स्कूल लेवल से ही खेलना शुरू कर देते हैं और कोई कंपीटीशन जीत जाते हैं तो आप स्पोर्ट्स कोटे के तहत अच्छी जॉब पा सकते हैं. इसके अलावा आप कोई प्राइवेट स्कूल में बतौर स्पोर्ट्स टीचर भी ज्वाइन कर सकते हैं. अगर आप सरकारी स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बीपीएड का एग्जाम क्वालीफाइ करना होता है. ये एग्जाम बीएड के समकक्ष होता है. सौरभ कुमार,स्पोर्ट्स टीचर, एआइडब्ल्यूसी, बारीडीह
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कैरियर टिप्स : सौरभ कुमार
स्कूल स्पोर्ट्स से मिलता बेहतर प्लेटफॉर्म स्पोर्ट्स का स्कोप दिनों-दिन बढ़ रहा है. लेकिन बेस्ट कोचिंग सेंटर या उम्र के किस पड़ाव पर स्पोर्ट्स से जुड़ना चाहिए जैसी बात को लेकर छात्र थोड़े कंफ्यूज रहते हैं. एक स्पोर्ट्स टीचर होने के नाते मुझे लगता है कि स्कूल इसके लिए बेस्ट है. स्कूल से ही छात्र […]
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