टाटा स्टील के बुलावे पर शहर पहुंचीं मारलिन ने कंपनी परिसर स्थित स्टीलेनियम सभागार में मजदूर व समाज के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारियों, श्रम कानून, मैनेजमेंट सिस्टम व पॉलिसी, बजट, ट्रेनिंग, इंश्योरेंस सुविधा, मजदूरों के अधिकार, ठेका श्रमकों की सेफ्टी जैसे विषयों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत के श्रम कानून ठीक हैं. उसे कड़ाई से कानून का पालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए.
कानून का प्रभावी तरीके से अनुपालन न होने के कारण असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे 70 प्रतिशत मजदूरों को उनका हक नहीं मिलता. मारलिन ने बताया कि यूरोप में श्रम कानूनों के अनुपालन के लिए सरकार की ओर से की जाने वाली सख्ती के कारण वहां की कंपनियां अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों को सभी तरह की सुविधाएं देती हैं.