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एमजीएम में नहीं है शव रखने की व्यवस्था
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल में शव रखने की कोई व्यवस्था नहीं है. अगर मरीज की मौत हो जाये तो परिजन के आने तक उसे स्ट्रेचर या उसी बेड पर ढक कर रखा जाता है. अगर परिजनों के आने में देरी हो तो मरीजों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. ऐसे ही शवों को […]
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल में शव रखने की कोई व्यवस्था नहीं है. अगर मरीज की मौत हो जाये तो परिजन के आने तक उसे स्ट्रेचर या उसी बेड पर ढक कर रखा जाता है. अगर परिजनों के आने में देरी हो तो मरीजों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. ऐसे ही शवों को चूहे भी अपना निशाना बनाते हैं. चिकित्सकों के मुताबिक मरीजों के बीच शव रखने से दूसरे मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है.
टेंडर के बाद भी नहीं बना शव शीत गृह: पोस्टमार्टम विभाग के मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट होने के बाद अस्पताल में शव शीत गृह के लिए अब तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. वर्ष 2013 में टेंडर कराया गया था, लेकिन रद्द कर दिया गया. वर्ष 2014 में टेंडर निकाला गया. इस टेंडर में टेक्निकल बीड खोला जा चुका है, लेकिन प्राइस बीड की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. अस्पताल अधीक्षक डा. आरवाई चौधरी ने बताया कि जल्द ही शव शीत गृह शुरू करने की योजना है.
एसडीओ ने एमजीएम के इमरजेंसी वार्ड का लिया जायजा
धालभूम एसडीओ प्रेम रंजन ने गुरुवार को एमजीएम अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया तथा चूहे के द्वारा शव को कुतर जाने की घटना की जानकारी ली. उन्होंने कर्मचारियों और नर्सो से बात की तथा मरीजों की परेशानियों से अवगत हुए. कर्मचारियों ने बताया कि चूहे अस्पताल में रखे जरूरी कागजात को कुतर दे रहे हैं. इस बारे में अधीक्षक को लिखित सूचना दी गयी थी. एसडीओ ने अस्पताल उपाधीक्षक डा.एके सिंह से भी चूहे से निपटने के उपाय पर चर्चा की.
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