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हेल्थ बुलेटिन -डॉ शांति पोर असंपादित

डॉ शांति पोरआसान है कैटरैक्ट का ऑपरेशन मोतियाबंद की चपेट में आते ही आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है. हल्की हवा से भी आंखों से पानी गिरने लगता है. तेज रोशनी में एक ही चीज के कई प्रतिबिंब दिखायी देते हैं. आंखों में चुनचुनाहट भी होती है. इसका एक मात्र इलाज ऑपरेशन ही होता […]

डॉ शांति पोरआसान है कैटरैक्ट का ऑपरेशन मोतियाबंद की चपेट में आते ही आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है. हल्की हवा से भी आंखों से पानी गिरने लगता है. तेज रोशनी में एक ही चीज के कई प्रतिबिंब दिखायी देते हैं. आंखों में चुनचुनाहट भी होती है. इसका एक मात्र इलाज ऑपरेशन ही होता है. पहले मैनुअली कैटरैक्ट का ऑपरेशन किया जाता था, जिसे एसआइसीएस (मैनुअल फेक्को) कहते थे. फेक्को इमल्शन थेरेपी द्वारा ऑपरेशन किया जाने लगा जिसमें अल्ट्रा साउंड मशीन के सहारे कैटरैक्ट को ड्रैग किया जाता था. अब लेटेस्ट थेरेपी लेसिक्स (लेजर थेरेपी) के माध्यम से कैटरैक्ट का ऑपरेशन जल्दी और सेफ तरीके से होने लगा है. इसमें आंखों के इंटैक्ट आईबॉल को राउंड शेप में लेकर प्रभावित हिस्से को ऑपरेट किया जाता है. इसमें काफी कम वक्त लगता है. वैसे अगर आपको कैटरैक्ट से बचना है तो भोजन में हरी साग-सब्जी को शामिल करें, अल्ट्रावॉयलेट किरणों से खुद को बचाने की कोशिश करें. बाइक आदि चलाते समय यूवी प्रोटेक्टेड ग्लास को पहनना न भूलें. इसके लक्षण दिखायी देने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. बीमारी – कैटरैक्ट. लक्षण – आंखों से पानी गिरना, पॉलीओपिया यानी एक ही चीज के कई प्रतिबिंब दिखना, तेज रोशनी में चुनचुनाहट होना. बचाव – ऑपरेशन, डॉक्टर से सलाह लें.

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