जमशेदपुर: दलमा व आसपास के इलाके को इको सेंसेटिव जोन के रूप में विकसित करने के लिए वन विभाग ने कमर कस लिया है. मंगलवार को दलमा के डीएफओ कमलेश पांडेय ने मानगो स्थित वन विभाग कार्यालय में 60 गांवों की इको विकास समिति के सदस्यों के साथ बैठक की. इस दौरान बताया गया कि वे लोग ग्रामीणों को इको सेंसेटिव जोन के महत्व को बतायें, ताकि इससे मनुष्य जाति को होने वाले लाभ से सभी अवगत हों.
बैठक में दलमा के रेंज ऑफिसर मंगल कच्छप मौजूद थे. वन विभाग की पहल में स्थानीय लोगों ने पूरा सहयोग का आश्वासन दिया. 60 गांवों की इको विकास समिति को अधिसूचना की कॉपी दी गयी, जिसके आधार पर जंगल को बचाया जा सकता है.
रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था होगी: डीएफओ कमलेश पांडेय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार की पहल पर यह कदम उठाया जा रहा है. जहां तक रोजगार की बात है, तो रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था करायी जा रही है. इसके लिए इको सेंसेटिव जोन के बाहर कोई भी व्यक्ति अपना खदान खोलें, क्रशर चलाये. प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी तरह की गतिविधियां नहीं चल सकती है.
होटलों व गेस्ट हाउस की मॉनीटरिंग होगी: डीएफओ ने बताया कि होटलों और गेस्ट हाउस की मॉनीटरिंग की जायेगी. इसे बंद करने का कोई प्रावधान नहीं है. मॉनीटरिंग कमेटी जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई करेगी.