जमशेदपुर: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जुगसलाई स्थित धालभूम राजा मार्केट की गलत तरीके से की गयी जमा बंदी एवं नक्शा को रद्द करने का निर्देश दिया है.
नगर विकास विभाग द्वारा भी जांच कर जमाबंदी रद्द करने का निर्देश दिया है. धालभूम राजा मार्केट के अध्यक्ष अमरीक सिंह एवं अन्य द्वारा भेजे गये आवेदन के आधार उपायुक्त को लिखे पत्र में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के उप सचिव अरुण वाल्टर संगा ने कहा है कि जुगसलाई स्थित धालभूम राजा मार्केट जमींदारी उन्मूलन से पूर्व तत्कालीन राजा एवं जमींदार जगदीश चंद्र देव धवल देव की संपत्ति-भूमि थी. जमींदारी उन्मूलन के बाद बीएलआर एक्ट के तहत मार्केट की भूमि सरकार में समाहित हो गयी और 12 नवंबर 1951 से मार्केट की भूमि सरकारी जमीन हो गयी. इसके बावजूद नियमों की अनदेखी कर धालभूम राजा मार्केट की भूमि की जमाबंदी गलत रूप से प्राइवेट पार्टी महावीर सिंह के नाम किया गया. महावीर सिंह की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों ने उस भूमि को आपस में बांट लिया और अवैध निर्माण कर लिया, जबकि वह जमीन सरकारी जमीन हो चुकी थी.
जुगसलाई नगर पालिका के विशेष पदाधिकारी द्वारा परमिट संख्या 14 के माध्यम से उक्त भूमि पर भवन निर्माण के लिए नक्शा पारित किया गया जो अवैध है. यह मामला फिलहाल एलआरडीसी के कोर्ट में विचाराधीन है. उप सचिव ने जिला प्रशासन से पूरे मामले की नियमानुसार जांच कर गलत तरीके से पास नक्शा एवं अवैध जमाबंदी को रद्द करने तथा इसकी रिपोर्ट भेजने कहा है.