‘अपनी कला-संस्कृति नहीं भूलें’लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर करनडीह स्थित दिशोम जाहेर थान में आदिवासी युवाओं को उनकीभाषा, संस्कृति व साहित्य से रू-ब-रू कराने के लिए गुरुवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका आयोजन मैदिज आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर और आदिवासी डिस्कशन ग्रुप रांची ने किया. युवाओं ने भी रखे विचार मौके पर बतौर मुख्य प्रवक्ता विनीत मुंडू, मुंडा पाडहा राजा सनीका भेंगराज, धानु मुर्मू और डुमनी मुर्मू ने अपनी बातें रखीं. मुख्य वक्ता ने कहा कि आदिवासियों की कला-संस्कृति और भाषा साहित्य समृद्ध है. इसके बावजूद यह लुप्त होने लगी है. लोग अपनी कला, संस्कृति और भाषा साहित्य को भूलते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मातृभाषा और साहित्य को कभी नहीं भूलना चाहिए. नहीं तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जायेगा. इस दौरान युवाओं को भी अपनी बातें रखने का मौका मिला. इस कार्यक्रम का संचालन सोमाय मार्डी ने किया. इसमें मनु मुर्मू, रेशमा मार्डी, सबिता टुडू, सुरेंद्र टुडू, जितराई मुर्मू, सोमाय मार्डी, धनु मार्डी, अर्जुन सिंकू, आभा हांसदा, जागरण मुर्मू, शालिनी मार्डी, रुकमणि टुडू, लिटा बानसिंह, रंजीत कुमार टुडू, मुकुंद हांसदा व अन्य उपस्थित थे.
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मैदिज आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर व आदिवासी डिस्कशन ग्रुप, रांची की करनडीह में कार्यशाला
‘अपनी कला-संस्कृति नहीं भूलें’लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर करनडीह स्थित दिशोम जाहेर थान में आदिवासी युवाओं को उनकीभाषा, संस्कृति व साहित्य से रू-ब-रू कराने के लिए गुरुवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका आयोजन मैदिज आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर और आदिवासी डिस्कशन ग्रुप रांची ने किया. युवाओं ने भी रखे विचार मौके पर बतौर […]
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