जमशेदपुर: जिले में हर साल मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय का दर्जा दिया जा रहा है. नौवीं व 10 वीं कक्षा के विद्यार्थियों का नामांकन भी हुआ, लेकिन हाइस्कूल के शिक्षक नियुक्त नहीं किये गये. जिले में 57 उत्क्रमित उवि हैं, जहां संबंधित मवि के शिक्षक ही 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को भी पढ़ाते हैं.
इन्हीं शिक्षकों के पढ़ाने से करीब 2500 परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होंगे. ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता क्या होगी, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.नियुक्ति हुई, योगदान नहीं: राज्य में उत्क्रमित विद्यालयों में शिक्षकों के लिए आयोजित नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित हो चुका है, लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया है.
इन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड अधिविद्य परिषद ने अगस्त 2012 में नियुक्ति परीक्षा का आयोजन किया था. तब बायोलॉजी की परीक्षा रद्द कर दी गयी थी. हालांकि 2012 से पूर्व भी परीक्षा की घोषणा करते हुए आवेदन आमंत्रित किये गये थे, लेकिन परीक्षा नहीं हुई. इसलिए उस समय आवेदन करनेवाले न्यायालय की शरण में चले गये. न्यायालय ने उन उम्मीदवारों की भी परीक्षा लेते हुए सभी का परीक्षाफल एक साथ प्रकाशित करने का फैसला सुनाया था.
जिले के उत्क्रमित विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है, न ही प्रयोगशाला है. कुछ विद्यालयों में शिक्षक प्रतिनियुक्त किये गये हैं और जहां प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है, वहां मध्य विद्यालय में उच्च डिग्रीधारी शिक्षक हैं, तो उन्हें जिम्मेवारी सौंपी गयी है. इन विद्यालयों में पढ़ाई के लिए विभागीय स्तर से जितना किया जा सकता है, किया गया है.- मुकेश कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा
पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम