सारंडा में विकास ग्रामीणों ने भारी संख्या में मतदान कर विकास को चुना क्षेत्र की दोनों विधायक महिलाएं, जोबा व गीता कोड़ा ग्रामीणों की आकांक्षा पर खरा इनके लिए होगी परीक्षा संवाददाता, किरीबुरूसारंडा के गांवों का विकास करना निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. आज तक सारंडा के ग्रामीण विकास से महरूम रहे हैं. जनप्रतिनिधि भी सुदूर गांव तक जाकर धरातल पर समस्या को जानने का प्रयास नहीं करते. सारंडा क्षेत्र से इस बार दो विधायक जीती एवं दोनों महिला हैं गीता कोड़ा एवं जोबा मांझी. दोनों की पकड़ व पहचान सारंडा के ग्रामीणों में है. इस बार नक्सलियों द्वारा चुनाव बहिष्कार की घोषणा के बावजूद सारंडा वासियों ने 70-80 फीसदी तक मतदान कर यह दिखाने की कोशिश की है कि हमारी उपेक्षा यानी चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है. निर्वाचित विधायक भी नहीं चाहेंगे कि इतना बड़ा वोट बैंक उनके हाथ से निकल जाये. इसके लिए अहम होगा कि ग्रामीणों के आंसू विकास कार्य कर पोंछा जाये. सारंडा आजादी पूर्व से ही विकास के मामले में पिछड़ा है. ग्रामीणों को शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, बिजली, सड़क, स्वरोजगार जैसी बुनियादी सुविधा की जरूरत है. जिसे पूर्ण कराना इन विधायकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी. सारंडा की एक बड़ी आबादी अभी भी वन अधिकार पट्टा व अपने गांवों की सरकारी पहचान व मान्यता मिलने की लड़ाई लड़ रही है. जिसे दिलाना भी इन विधायकों के लिए बड़ी चुनौती है.
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बुनियादी सुविधाएं मुहैया करना भी बड़ी चुनौती
सारंडा में विकास ग्रामीणों ने भारी संख्या में मतदान कर विकास को चुना क्षेत्र की दोनों विधायक महिलाएं, जोबा व गीता कोड़ा ग्रामीणों की आकांक्षा पर खरा इनके लिए होगी परीक्षा संवाददाता, किरीबुरूसारंडा के गांवों का विकास करना निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. आज तक सारंडा के ग्रामीण विकास से महरूम […]
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