जमशेदपुर: बनारसी तसर सिल्क साड़ी की बढ़ती मांग को देखते हुए जमशेदपुर में इसका उत्पादन किया जायेगा. इसके लिए जमशेदपुर प्रखंड परिसर स्थित बुनकर प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र में करीब 6 लाख की लागत से तीन मशीन का सेटअप तैयार किया जा रहा है.
ज्ञात हो कि भिलाई पहाड़ी और एनएच-33 आसनबनी स्थित बुनकर प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र में पहले सी मशीन लगा दी गयी है. इन जगहों पर जनवरी से बनारसी तसर सिल्क साड़ी का उत्पादन शुरू हो जायेगा. फिलहाल एक केंद्र में महीने में करीब 15 साड़ियां तैयार करने का लक्ष्य है. इस तरह तीनों केंद्रों को मिलाकर महीने में 45 से 50 साड़ियां उत्पादन का लक्ष्य है. यहां साड़ियों का उत्पादन केंद्र में प्रशिक्षण ले रहीं छात्रएं करेगी. बताया जाता है कि एक बनारसी तसर सिल्क साड़ी बनाने में तीन से चार दिन लगते हैं. एक साड़ी बनाने में धागा व मजदूरी सहित बनाने में करीब 4000 हजार रुपये की लागत आती है.
बनारसी तसर सिल्क साड़ी का है डिमांड. बुनकर प्रशिक्षण केंद्र के वरीय अनुदेशक विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि बनारसी तसर सिल्क साड़ी का देश के अन्य शहरों व विदेशों में अच्छा डिमांड है. एक साड़ी की कीमत न्यूनतम 5000 रुपये से शुरू होती है. साड़ी का उत्पादन शुरू होने के बाद विभाग को हर महीने 2 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. साड़ी बनाने के लिए लगता है कोकुल व धागा. बुनकर एवं प्रशिक्षण केंद्र में साड़ी बनाने के लिए कोकुल व धागा की जरूरत पड़ती है. केंद्र में कोकुल चांडिल के कुचाई और खरसावां क्षेत्र के तसर कीट पालकों से मंगाया जाता है. इसके बाद कोकुल को सिदगोड़ा या रांची सेंटर में भेजा जाता है. यहां कोकुल से धागा तैयार किया जाता है. झारक्राफ्ट से भी साड़ी बनाने के लिए धागा मंगाया जाता है. साड़ी बनाने के बाद झारक्राफ्ट को ही बिक्री के लिए दे दी जाती है.
मंगलवार व शुक्रवार को लगता है सेल
प्रखंड परिसर में प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को बुनकर विभाग की ओर से सेल लगाया जाता है. यहां से ग्राहक विभाग की ओर से बनाये गये कपड़े खरीद सकते हैं. यहां पहली बार कोट शूल व स्टीचिंग शूट भी रखा जायेगा. इसके अलावे सेल में उत्पादन केंद्र से बने चादर, गमछा, सटिंग, तौलिया, बेडशीट आदि रखे जायेंगे.