जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय के चार अंगीभूत कॉलेजों के बाद टाटा कॉलेज की भी बीएड की मान्यता 2015 से समाप्त हो जायेगी. वहीं जामिनी कांत बीएड कॉलेज की मान्यता बहाल रहेगी. पिछले दिनों नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) की 178वीं इस्टर्न रीजन काउंसिल (इआरसी) मीटिंग में यह निर्णय लिया गया.
इआरसी द्वारा जारी बैठक की कार्यवाही में स्पष्ट किया गया है कि जामिनी कांत कॉलेज को पूर्व में जो शो-कॉज भेजा गया था, कॉलेज ने उसका जवाब दे दिया है, जो संतोषप्रद है. वहीं चाईबासा स्थित टाटा कॉलेज के संबंध में कई बिंदुओं पर असंतोष जताया गया है. बताया गया है कि कॉलेज की बीएड बिल्डिंग नहीं है. कॉलेज के भवन में पढ़ाई होती है, जहां अन्य कक्षाएं भी होती हैं. कॉलेज में बीएड विभाग की लाइब्रेरी व लेबोरेटरी नहीं है, न ही स्थायी विभागाध्यक्ष की नियुक्ति हुई है. इसके अलावा शिक्षक भी एक वर्ष से कम अवधि के लिए कांट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किये गये हैं.
2015 से पांच बीएड कॉलेजों की मान्यता होगी खत्म
इआरसी की पिछली बैठकों में लिये गये निर्णयों को देखा जाये, तो अब तक टाटा कॉलेज समेत कोल्हान विश्वविद्यालय के पांच अंगीभूत कॉलेजों में बीएड की मान्यता समाप्त करने का निर्णय लिया जा चुका है. इससे पूर्व बहरारोड़ा कॉलेज, महिला कॉलेज चाईबासा, द ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वीमेंस और जवाहर लाल नेहरू कॉलेज चक्रधरपुर की मान्यता समाप्त करने का निर्णय लिया जा चुका है.