जमशेदपुर: को-ऑपरेटिव कॉलेज के बीएड परीक्षार्थियों की प्रयोगिक परीक्षा में पारदर्शिता पर सवाल उठने लगा है. शुक्रवार को टेलरिंग एंड गार्डेनिंग की प्रयोगिक परीक्षा हुई.
परीक्षा में इंटरनल रहीं शुभ्रा सरकार ने परीक्षार्थियों की मार्क्स फाइल परीक्षा समाप्त होने के करीब 22 घंटा बाद यानी शनिवार की दोपहर 2.30 बजे कॉलेज परीक्षा विभाग में जमा की. जबकि नियमानुसार परीक्षा समाप्त होने के साथ ही मार्क्स फाइल जमा की जाती है. इस पर विभिन्न छात्र संगठनों ने मार्क्स में गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाया है. वहीं कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरके दास ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ डीके मिश्र, उप परीक्षा नियंत्रक डॉ संजीव कुमार सिंह व डीलिंग असिस्टेंट एके पटनायक शामिल हैं. कमेटी सोमवार को प्राचार्य को जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
शुभ्रा सरकार से जवाब-तलब
शुक्रवार को परीक्षा के दौरान फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाने और उसके खिलाफ साकची थाना में शिकायत दर्ज कराये जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. प्राचार्य और कॉलेज परीक्षा नियंत्रक को सूचना दिये बगैर शुभ्रा सरकार की ओर से शिकायत दर्ज कराये जाने को कॉलेज प्रशासन ने प्रोटोकॉल की अनदेखी व नियमों का उल्लंघन बताया है. इतना ही नहीं शुभ्रा सरकार से छात्र प्रियंका कुमारी (वास्तविक परीक्षार्थी) के एडमिट कार्ड की मूल प्रति शिकायतनामे के साथ संलगA कर थाना में दे दिये जाने को भी नियमों के विपरीत बताया गया है. इसे लेकर छात्र संगठनों ने आक्रोश जताते हुए प्राचार्य के समक्ष विरोध दर्ज कराया. इसके बाद प्राचार्य ने शुभ्रा सरकार को शो-कॉज करते हुए सोमवार तक जवाब तलब किया है.
रिश्वत के आरोप की जांच करेगी कमेटी
विभिन्न छात्र संगठनों ने प्राचार्य डॉ आरके दास को ज्ञापन सौंप कर बीएड परीक्षा में इंटरनल (शिक्षिका) शुभ्रा सरकार पर परीक्षा केंद्र पर आये प्रियंका कुमारी के संबंधियों से 20,000 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. इस पर प्राचार्य ने एक जांच कमेटी गठित कर आठ दिसंबर तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. कमेटी में कॉलेज के प्रो आरएन ओझा और उप परीक्षा नियंत्रक डॉ संजीव कुमार सिंह शामिल हैं. ज्ञापन में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर आये प्रियंका कुमारी के संबंधियों की ओर से रिश्वत देने में असमर्थता जताये जाने पर शुभ्रा सरकार ने इसे फर्जी परीक्षार्थी के मामले में तब्दील कर दिया. प्राचार्य व कॉलेज परीक्षा नियंत्रक की अनदेखी करते हुए सीधे कुलपति से बात की. फिर कुलपति का आदेश होने का हवाला देते हुए थाना में शिकायत दर्ज करा दी. ज्ञापन सौंपनेवालों में अभाविप के जिला संयोजक सतनाम सिंह, महानगर मंत्री प्रभात शंकर तिवारी, राकेश पांडेय, अन्य संगठनों से राजीव दूबे, सुपाल झा व अन्य शामिल थे.
तीनों परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा की मांग. इस प्रकरण के बाद कॉलेज प्रशासन ने जिला प्रशासन से बीएड की प्रयोगिक परीक्षा के लिए बनाये गये तीनों परीक्षा केंद्र पर दंडाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की है. प्राचार्य डॉ आरके दास ने बताया कि इस प्रकरण के बाद छात्रों में आक्रोश है. अत: परीक्षा केंद्र पर पुन: किसी तरह की गड़बड़ी या विधि-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो, इसलिए यह मांग की गयी है.
‘‘कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक और प्राचार्य को जानकारी दिये बगैर इंटरनल (शिक्षिका) द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराया जाना प्रोटोकॉल की अनदेखी है. यह नियमसंगत नहीं है. एक तो इंटरनल शुभ्रा सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया, दूसरे छात्र का एडमिट कार्ड भी थाने में दे आयीं. उन्होंने मार्क्स फाइल परीक्षा समाप्त होने के 22 घंटे बाद कॉलेज में जमा किया. इन सबके मद्देनजर छात्र आक्रोशित हैं. उन्होंने शुभ्रा सरकार पर प्रियंका कुमारी के संबंधियों से 20,000 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. सभी मामले की जांच के लिए अलग-अलग कमेटी गठित की गयी है. शुभ्रा सरकार से भी जवाब तलब किया गया है. -डॉ आरके दास, प्राचार्य, को-ऑपरेटिव कॉलेज