– 100 में एक मिरगी के मरीज- भारत में एक करोड़ से ज्यादा मरीज- जमशेदपुर में लगभग 10 से 12 हजार मरीज – 70 से 80 प्रतिशत लोग दवा से हो सकते हैं ठीक लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर विश्व मिरगी दिवस पर सोमवार को टाटा मेन अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. टीएमएच में न्यूरो सर्जन डॉ एमएन सिंह ने बताया कि मिरगी को लेकर आज भी काफी भ्रांतियां हैं. जिसे जागरूकता के जरिये ही दूर किया जा सकता है. इसके मरीज अगर लगातार दवा लें तो सामान्य जीवन जी सकते हैं. इसके पहले इस सेमिनार का उद्घाटन रुचि नरेंद्रन ने की. उन्होंने कहा कि मिरगी को लोग कलंक मानते हैं, जबकि इसका इलाज संभव है. दिमागी बीमारी है मिरगीयह दिमागी बीमारी है. अचानक असामान्य विद्युत तरंगे उत्पन्न होने से कुछ समय के लिए दिमाग काम करना बंद कर देता है. शरीर के कई हिस्सों में झटके लगते हंै. झटका 5 से 6 मिनट तक का रहता है. चेहरे का टेढ़ा होना, गर्दन और आंख का एक ओर घूम जाना, अकड़न, झटके, एक हाथ या पांव में जकड़न, बोलने में अटकना इसके लक्षण हैं. कोट- मिरगी का सही इलाज कराने की जरूरत है. इसके लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है. डॉ एमएन सिंह, टीएमएच
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जागरूकता से दूर होगा मिरगी : डॉ एम एन सिंह
– 100 में एक मिरगी के मरीज- भारत में एक करोड़ से ज्यादा मरीज- जमशेदपुर में लगभग 10 से 12 हजार मरीज – 70 से 80 प्रतिशत लोग दवा से हो सकते हैं ठीक लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर विश्व मिरगी दिवस पर सोमवार को टाटा मेन अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. टीएमएच […]
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