मेरा पहला वोट 3दीपक महतो, बावनगोड़ामैंने महसूस किया है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जाता है, वैसे-वैसे वादों और दावों का बोलबाला हो जाता है. चुनाव जीतने के बाद नेता इन वादों और दावों को भूल जाते हैं. जनता जर्नादन से याचक हो जाती है और नेता शासक हो जाते हैं. चूंकि, इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान मैं अपना पहला वोट डालूंगा, इसलिए मैं ज्यादा जागरूक हूं. साथ ही वोट डालने की खुशी भी है. यदि अच्छे नेता को वोट देते हैं तो वे हमारे हितों के बारे में सोचेगा. यदि, किसी गलत प्रत्याशी को वोट देकर जीता दिया जाता है तो वो समाज नहीं, स्वार्थ के बारे में सोचेगा. ऐसे में लोगों को वोट देते समय सावधानी बरतनी चाहिए. इस बार मैं उस प्रत्याशी को वोट दूंगा जो न सिर्फ हमारे समाज के बारे में सोचे, बल्कि अपनी योजनाओं के माध्यम से विकास भी करे. हमारे समाज का भला होगा तो उसके साथ ही मुझे भी फायदा पहुंचेगा.
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वादों को नहीं इरादों को समझें
मेरा पहला वोट 3दीपक महतो, बावनगोड़ामैंने महसूस किया है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जाता है, वैसे-वैसे वादों और दावों का बोलबाला हो जाता है. चुनाव जीतने के बाद नेता इन वादों और दावों को भूल जाते हैं. जनता जर्नादन से याचक हो जाती है और नेता शासक हो जाते हैं. चूंकि, इस बार विधानसभा […]
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