कसदियों पुरानी परंपरा ओडिशा राज्य में चली आ रही हैकओडिशा के प्राचीन समुद्री व्यापारी साधव पुत्र के समुद्री यात्रा के लिए शुरू हुई परंपरा विश्वभर में चर्चित कदीपावली के दुसरे दिन से ही एक महीने तक पुरे राज्य भर में कार्तिक माह का किया जाता है पालन ककार्तिक पूर्णिमा से पांच दिन पूर्व पंचुक का किया जाता है पालन ,पांच दिनों तक हर मंदिर और हर घरों में होती है विधिवत पूजा अर्चना प्रतिनिधि, बड़बिल गुरुवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बोइता बंधन महापर्व पूरे ओडि़शा में धूमधाम से मनाया गया. बड़बिल व जोड़ा में लोगों ने कारो, सोना व वैतरणी के अलावा क्षेत्र के तालाबों में पूजा-अर्चना के बाद नाव छोड़ा गया. दीपावली की रात से ही पूरे माह कार्तिक माह का पालन किया जाता है. बोइता पर मंदिरों में सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही. ओडिशा की प्राचीन समुद्री व्यापारियों साधव पुत्रों की पारंपरिक रूप से आरती कर उनकी यात्रा की कुशल कामना की प्रार्थना व सम्मान का प्रतीक है यह पर्व. यह दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिवस होता है. उत्कल निवासी यह पर्व समुद्र या नदी में नाव बहाकर मनाते है. फोटो 6 बडिबल -1 महिला बोइता बंधन पर नदी में नाव छोडते हुए 6 बडिबल -2 बिलाईपदा स्थित शिव मंदिर पर कार्तिक पूर्णिमा की सुबह का नज़ारा
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बोइता बंधन पर नाव छोड़ पूजा
कसदियों पुरानी परंपरा ओडिशा राज्य में चली आ रही हैकओडिशा के प्राचीन समुद्री व्यापारी साधव पुत्र के समुद्री यात्रा के लिए शुरू हुई परंपरा विश्वभर में चर्चित कदीपावली के दुसरे दिन से ही एक महीने तक पुरे राज्य भर में कार्तिक माह का किया जाता है पालन ककार्तिक पूर्णिमा से पांच दिन पूर्व पंचुक का […]
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