जमशेदपुर: झामुमो में एक बार फिर से टूट के आसार दिखायी पड़ने लगे हैं. पटमदा की तरह पोटका में भी 30 जून को पूर्व मंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व में एक सभा का आयोजन किया जा रहा है. जिस तरह पटमदा में दुलाल भुइयां को आमंत्रित नहीं किया गया था, उसी तरह इस सभा में रमेश हांसदा और अमूल्यो सरदार को आमंत्रित नहीं किया गया है. सिद्दो-कान्हू के उलगुलान के 158 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पोटका के मगडू गांव में जहां क्रांतिकारियों की मूर्ति लगाये जाने की योजना है, वहां से महज 500 मीटर की दूरी पर झामुमो के केंद्रीय कोषाध्यक्ष सह पोटका के पूर्व विधायक अमूल्यो सरदार का घर है.
पोटका विधानसभा क्षेत्र के झामुमो कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि ऐसे कार्यक्रम करने के पीछे चंपई गुट का साफ उद्देश्य है कि इस बार उनका कोई करीबी ही विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे. जिस तरह पटमदा से पार्टी के प्रभावशाली नेता दुलाल भुइयां ने खुद पार्टी से इस्तीफा दे दिया, उसी तरह पोटका विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रबल दावेदार माने जानेवाले रमेश हांसदा भी पार्टी से दूर हो जायें. चंपई सोरेन खुद टिकट दावेदारों का पैनल बनानेवाली कमेटी के चेयरमैन हैं. उलगुलान के 158 साल पूरा होने पर वहां एक मूर्ति लगायी जा रही है.
समारोह के प्रचार प्रचार के लिए बनाये गये पंपलेट में मुख्य रूप से शिबू सोरेन, चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन, बैजू मुमरू, रामदास सोरेन, विद्युत वरण महतो, मोहन कर्मकार, गणोश चौधरी व राजू गिरी का नाम है, इसमें कहीं भी सुधीर महतो, रमेश, अमूल्यो सरदार का नाम का उल्लेख नहीं है. रमेश समर्थकों का कहना है कि जिस तरह बिना दुलाल भुइयां को स्वयं पार्टी छोड़ गये थे, उसी तरह रमेश के पार्टी छोड़ने का आरोप चंपई और उनके सहयोगियों पर नहीं लगे.