जमशेदपुर: हाथी दांत तस्कर व वन्य प्राणियों का शिकार करनेवालों पर अंकुश लगाने के लिए वन क्षेत्र में विभागीय पदाधिकारी व कर्मियों की पैनी नजर होगी. वन विभाग जरूरत के अनुसार सीआइडी, पुलिस, फॉरेंसिक समेत विभिन्न विभागों की सहायता भी लेगा.
यह बात राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ डीके श्रीवास्तव ने कही. वह बुधवार को मानगो स्थित वन विश्रमागार में संपन्न इंटर स्टेट को-ऑर्डिनेशन मीटिंग ऑफ चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेस के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में वन्य जीवन पर नियंत्रण, हाथियों के वनों में विचरण, समय-समय पर एक से दूसरे स्थान पर प्रवास आदि पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि हाथी जंगल के रास्ते एक से दूसरे राज्य की तरफ पलायन व प्रवास करते रहते हैं. ऐसे में संबंधित राज्यों के विभागीय पदाधिकारियों के बीच सूचनाओं के बेहतर आदान-प्रदान पर बल दिया गया.
बैठक में डॉ श्रीवास्तव सहित वन एवं पर्यावरण विभाग, झारखंड के विशेष सचिव बीसी निगम, पश्चिम बंगाल के पीसीसीएफ उज्जवल भट्टाचार्या, ओड़िशा के एसएस श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ के सीसीएफ डॉ बीपी नानहरे, वन संरक्षक (कार्य नियोजना) जमशेदपुर संजीव कुमार, वन संरक्षक रांची एटी मिश्र, जमशेदपुर डीएफओ केजेड भुटिया, डीसीएफ एंड एफडी जमशेदपुर कमलेश पांडेय समेत कोल्हान के तीनों जिला स्थित वन प्रमंडलों के डीएफओ, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ व बिहार से आये डीएफओ व अन्य पदाधिकारी शामिल हुए.