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खुशखबरी: छठा वेतनमान नहीं देने पर स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण नहीं होगा

संदीप सावर्ण जमशेदपुर : शहर के सीबीएसइ या आइसीएसइ से मान्यता प्राप्त स्कूल प्रबंधकों को अपने शिक्षकों को कम से कम छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित वेतन देना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण नहीं होगा. इसके लिए लिखित रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में इससे […]

संदीप सावर्ण

जमशेदपुर : शहर के सीबीएसइ या आइसीएसइ से मान्यता प्राप्त स्कूल प्रबंधकों को अपने शिक्षकों को कम से कम छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित वेतन देना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण नहीं होगा. इसके लिए लिखित रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में इससे संबंधित शपथ पत्र भी देना होगा कि वे शिक्षकों को कम से कम छठे वेतन आयोग के आधार पर वेतन देंगे. शपथ पत्र में यह भी बताना होगा कि अगले पांच साल के भीतर वे अपने शिक्षकों को सातवां वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर वेतन देंगे.
लोयोला, डीएवी अौर केएसएमएस देता है 7वां वेतनमान. शहर के लोयोला स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर अौर केरला समाजम मॉडल स्कूल प्रबंधक अपने शिक्षकों को 7वां वेतन आयोग के आधार पर वेतन देता है. इससे संबंधित जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को दी गयी है. जबकि दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, बाल्डविन फार्म एरिया कदमा, विवेक विद्यालय ने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को बताया है कि वे जल्द ही अपने शिक्षकों को 7वां वेतन आयोग के आधार पर वेतन देंगे.
अकाउंट में ज्यादा वेतन देकर वापस लेने की भी शिकायत. जिला शिक्षा पदाधिकारी को शहर के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने शिकायत की है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा उनके बैंक खाते में ज्यादा वेतन डालते हैं, लेकिन उसमें करीब 40 फीसदी राशि वापस ले ली जाती है. कारण है कि वे बोर्ड या विभाग को दस्तावेज के तौर पर यह प्रस्तुत करते हैं कि वे अपने स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को ज्यादा सैलरी दे रहे हैं, ताकि मान्यता संबंधी किसी प्रकार की तकनीकी परेशानी ना हो.
बच्चों की फीस पर भी पड़ सकता है असर. शिक्षकों के वेतन में इजाफा से संबंधित आदेश के बाद इसका परोक्ष असर बच्चों की फीस पर भी पड़ेगा. कारण है कि प्राइवेट स्कूल संचालक शिक्षकों के वेतन बढ़ाने पर बच्चों की फीस में भी इजाफा करेंगे. हालांकि झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार प्राइवेट स्कूल दो साल में 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे.
मान्यता नवीनीकरण के लिए जमीन और वेतन की हो रही जांच
पूर्वी सिंहभूम जिले में 424 अनएडेड प्राइवेट स्कूलों का संचालन होता है, जिसमें शहर में 68 मान्यता प्राप्त स्कूल हैं, जिन्हें विभिन्न बोर्ड से मान्यता मिली है. सीबीएसइ या आइसीएसइ बोर्ड के स्कूलों को समय-समय पर मान्यता नवीनीकरण के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में आवेदन देना होता है. आवेदन जमा करने के बाद डीइअो के आदेश के बाद सभी स्कूलों की बीइइअो द्वारा जांच करवायी जा रही है. जांच में जमीन के साथ ही स्कूल में कार्य करने वाले सभी शिक्षकों की योग्यता के साथ ही उनके वेतन की भी जांच करवायी जा रही है. इस जांच के क्रम में शिक्षकों को पिछले छह महीने में दिये गये वेतन का बैंक स्टेटमेंट की कॉपी जमा करने के बाद मान्यता रिन्युअल की प्रक्रिया आगे बढ़ायी जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट की अोर से इससे संबंधित आठ जजमेंट दिये गये हैं. मान्यता के नवीनीकरण के लिए जो भी आवेदन आ रहे हैं, सबका भौतिक सत्यापन होगा. जमीन के साथ ही शिक्षकों की योग्यता के सर्टिफिकेट देखने के साथ ही उनके वेतन से संबंधित बैंक स्टेटमेंट की जांच के बाद ही नवीनीकरण होगा. नये स्कूल की मान्यता में सबलीज की जमीन बाधक होगी.
शिवेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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