30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आयुष्मान से कई लोगों को मिली नयी जिंदगी

जमशेदपुर : पेट में 40 किलो का ट्यूमर लेकर घूम रही बहरागोड़ा पाथरा गांव की दासी कर्मकार को आयुष्मान भारत के तहत ऑपरेशन के बाद नयी जिंदगी मिली. ऑपरेशन के पहले महिला दिन-रात एक ही खाट पर पड़ी रहती थी और गरीब होने के कारण किसी बड़े अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रही थी. […]

जमशेदपुर : पेट में 40 किलो का ट्यूमर लेकर घूम रही बहरागोड़ा पाथरा गांव की दासी कर्मकार को आयुष्मान भारत के तहत ऑपरेशन के बाद नयी जिंदगी मिली. ऑपरेशन के पहले महिला दिन-रात एक ही खाट पर पड़ी रहती थी और गरीब होने के कारण किसी बड़े अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रही थी. बंगाल व ओड़िशा के अस्पताल के कई डॉक्टरों ने तो हालात देख इलाज व ऑपरेशन करने से मना कर दिया था. गंगा मेमोरियल अस्पताल में आयुष्मान भारत के तहत महिला का ऑपरेशन किया गया. इस तरह के सैकड़ों मरीजों के लिए आयुष्मान योजना वरदान बनी.

इस योजना में 22 अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल
लोगों को आयुष्मान का सही लाभ मिल सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक प्राइवेट, सरकारी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मिला कर कुल 22 अस्पताल से अनुबंध किया गया है. इसमें अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग बीमारियों का इलाज होता है. इन सभी अस्पतालों में अभी तक लगभग 19 हजार मरीजों का इलाज व ऑपरेशन किया जा चुका है. इस दौरान कई अस्पतालों व नर्सिंग होम में कई बड़े-बड़े ऑपरेशन भी किये गये.
इस योजना के तहत कई लोगों को नयी जिंदगी मिली. अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो, इसको देखते हुए सभी अस्पतालों में आयुष्मान मित्र की नियुक्ति की गयी है. जिले में चल रहे सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव सहित अन्य इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. इसके साथ ही वहां बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल भेजने की व्यवस्था है.
आयुष्मान के लिए टीएमएच में खोला 30 बेड का अलग अस्पताल
आयुष्मान योजना से इलाज कराने वाले मरीजों को परेशानी नहीं हो इसको देखते हुए टीएमएच प्रबंधन ने टीएमएच गोलमुरी के नाम से 30 बेड का अलग से अस्पताल खोला है. यह अस्पताल सभी सुविधाओं से लैस है. इसमें 24 घंटे डॉक्टर व कर्मचारी तैनात रहते हैं. सेंटर में स्त्री रोग, शिशु रोग, मेडिसीन, हड्डी सहित सामान्य बीमारियों के इलाज व जांच की सुविधा है.
लोगों में है जागरूकता का अभाव
जागरूकता के अभाव में लोग गोल्डन कार्ड के लिए अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं, उन्हें पता नहीं है कि गोल्डन कार्ड बनाना जरूरी नहीं है. अस्पताल के कर्मचारियों के साथ लोगों की बहस भी हो रही है. लाभुकों को पता नहीं है कि जब वे अस्पताल में भर्ती होंगे, तो फौरन उनका गोल्डन कार्ड बन जायेगा और इलाज भी शुरू हो सकेगा.
आयुष्मान को लेकर शहर में होंगे कई कार्यक्रम
आयुष्मान भारत योजना के एक साल पूरा होने के अवसर पर शहर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य अस्पतालों के संचालक को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि 25 सितंबर को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना दिवस को उत्सव के रूप मनाया जायेगा.
इसके लिए सभी अस्पताल में स्टाफ, सहिया, एएनएम एवं आम आदमी के उपस्थिति में उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इसमें अस्पताल को बैनर, पोस्टर व बैलून से सजाने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमंडल स्तर पर अच्छे कार्य करने वाले एक-एक सरकारी व प्राइवेट अस्पताल व एक सरकारी चिकित्सा पदाधिकारी को प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा. साथ ही एक-एक प्रज्ञा केंद्र को प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा.
केस : 1
छले दो साल से बहरागोडा के पाथरा गांव की दासी कर्मकार का पेट फूला हुआ था. हमेशा खाट पर ही पड़ी रहती थी. गरीब होने के कारण उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे अपना इलाज करा सके, जब आयुष्मान योजना लागू हुई, तो महिला के परिजनों ने उसे इलाज के लिए गंगा मेमोरियल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉ एन सिंह ने जांच की तो पता चला कि उसके पेट में 40 किलो का ट्यूमर है, जिससे उसका पेट काफी फूल गया था और उसकी स्थित काफी नाजूक थी. ऐसे में ऑपरेशन जानलेवा भी साबित हो सकता था. डॉ एन सिंह अपनी टीम के साथ आयुष्मान भारत के तहत उसका ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद उसकी स्थिति सामान्य हो गयी.
केस : 2
नगो स्थित स्मृति सेवा सदन नर्सिंग होम द्वारा जिले में पहली बार आयुष्मान भारत योजना के तहत प्लास्टिक सर्जरी की गयी. भुइयांडीह की बबिता (काल्पनिक नाम) तीन साल पहले स्टोव पर खाना बनाते समय बुरी तरह से जल गयी थी. उसका गला व निचला होंठ लटक कर छाती से सट गया था. परिवार के इतने पैसे नहीं थे कि वे लोग प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सके. गोल्डन कार्ड बनाकर आयुष्मान भारत के तहत नि:शुल्क इलाज शुरू किया गया.
किस अस्पताल में क्या है व्यवस्था
एएसजी आइ हॉस्पिटल: नेत्र सर्जरी
दया हॉस्पिटल : जनरल मेडिसिन, शिशु रोग, जनरल सर्जरी, महिला एवं प्रसूति रोग, डेंटल व आर्थो
गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल : जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन, महिला एवं प्रसूति रोग, हड्डी रोग, प्लास्टिक सर्जरी, किडनी रोग, बर्न
गुरुनानक हॉस्पिटल : जनरल सर्जरी, मेडिसिन, आर्थो व शिशु रोग
मर्सी अस्पताल : जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन, लेप्रो सर्जरी, शिशु रोग, एनआइसीयू, आइसीयू, महिला एवं प्रसूति
मेडिका अस्पताल : नेत्र, इएनटी, नेफ्रोलॉजी, महिला एवं प्रसूति सर्जरी
किडनी केयर : जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन नेफ्रोलॉजी
लक्ष्मी नर्सिंग होम : जनरल मेडिसिन
मयंक मृणाल : जनरल सर्जरी व महिला एवं प्रसूति की सुविधा
प्रणवानंद आई हॉस्पिटल : नेत्र रोग
पूर्णिमा नेत्रालय : नेत्र सर्जरी
राजस्थान सेवा सदन : जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन, महिला एवं प्रसूति, आर्थो, बर्न, शिशु रोग
संत जोसेफ हॉस्पिटल : जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी
साई पॉली क्लिनिक नर्सिंग होम : जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, महिला एवं प्रसूति
सिंह नर्सिंग होम एंड रिसर्च सेंटर : जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी
स्मृति सेवा सदन : जनरल सर्जरी, हड्डी, महिला एवं प्रसूति रोग, बर्न, यूरोलॉजी, नेत्र
स्वर्णरेखा नर्सिंग होम : जनरल मेडिसिन, सर्जरी, महिला एवं प्रसूति, आर्थो
एपेक्स हॉस्पिटल : नेफ्रोलॉजी, आर्थो
हॉली केयर : जनरल मेडिसिन, सर्जरी, सर्जरी महिला एवं प्रसूति
मेहर बाई टाटा हॉस्पिटल : कैंसर
स्टील सिटी नर्सिंग होम : आर्थो-किडनी
एमजीएम : सर्जरी, आर्थो, गायनिक एवं प्रसूति, शिशु रोग, एनआइसीयू, पीआइसीयू
सदर अस्पताल: ओपीडी, इनडोर व महिला एवं प्रसूति रोग से संबंधित प्रसव व इलाज की सुविधा उपलब्ध है.
एक साल में 19 हजार से ज्यादा लोगों को मिला लाभ
50,45,544 गोल्डन कार्ड बनाये गये
23 सितंबर को रांची से प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी
2,05,312 परिवारों का बन चुका है कार्ड

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें