उत्तम कुमार, गम्हरिया : झारखंड के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा शिक्षकों को दी गयी सूचना संग्रहिका सह शिक्षक डायरी सवालों के घेरे में आ गया है. विभाग द्वारा डायरी में गलत जानकारी देकर शिक्षकों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है.
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सम्राट कृष्ण देव राय की जन्मतिथि ने खड़ा किया सवाल
उत्तम कुमार, गम्हरिया : झारखंड के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा शिक्षकों को दी गयी सूचना संग्रहिका सह शिक्षक डायरी सवालों के घेरे में आ गया है. विभाग द्वारा डायरी में गलत जानकारी देकर शिक्षकों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने का प्रयास किया जा […]
जानकारी के अनुसार डायरी में 20 अगस्त की तिथि में सम्राट कृष्ण देव राय की जीवनी दी गयी है, जिसमें उनकी जन्मतिथि 17 जनवरी 1971 दर्शायी गयी है, जबकि वास्तव में उनका जन्मदिन 16 फरवरी 1471 है. अब शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि आखिर वास्तविक जन्मतिथि कौन सी है.
शिक्षकों द्वारा इसकी सूचना अधीनस्थ विभाग को देते हुए आपत्ति दर्ज करायी गयी है. विदित हो कि शिक्षकों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से परियोजना द्वारा इसी वर्ष से शिक्षकों को निःशुल्क डायरी देने की पहल शुरू की गयी है. उक्त डायरी प्रतिवर्ष एक जून से अगले वर्ष 31 मई तक की दैनंदिनी दी गयी है. झारखंड में करीब 70% डायरी का वितरण हो चुका है.
शिक्षकों के अनुसार यह महज उदाहरण है. डायरी को ध्यानपूर्वक देखने पर और भी खामियां मिल सकती है. डायरी में है कई खासियत : शिक्षकों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने को लेकर बनायी गयी डायरी में कई खासियत है. प्रत्येक तिथि के पेज में भारत के एक महापुरुष की जीवनी को विस्तारपूर्वक दर्शाया गया है.
इसके अलावा माह व तिथि के साथ-साथ अंग्रेजी व हिंदी में वर्ष तथा संवत की जानकारी दी गयी है. यही नहीं उक्त तिथि की प्रमुख घटना व उपलब्धियों का भी जिक्र करते हुए एक महापुरुष द्वारा कहे गये सुविचार भी दिये गये हैं. इसके अलावा उक्त तिथि को शिक्षकों द्वारा किये गये कार्यों को लिखने के लिए कुछ खाली जगह भी छोड़े गये हैं.
ज्ञान सेतु पुस्तक में भी मिली थी कई खामियां
सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से छात्रों को बांटी गयी ज्ञान सेतु अधिगम संवर्धन कार्यक्रम नामक पुस्तक में भी कई खामियां पायी गयी थी. नियमानुसार ज्ञानसेतु के तहत बच्चों को प्रत्येक विषय के अलग-अलग पुस्तक उपलब्ध कराये जाते हैं, लेकिन गम्हरिया प्रखंड के कुछ स्कूल को उपलब्ध पुस्तक में हिंदी व गणित का आधा-अधूरा पाठ मिला दिया गया है.
पुस्तक के पृष्ठ संख्या एक से 14 तक गणित तो 15 से 45 में हिंदी विषय दिये गये हैं. यही नहीं पुस्तक से पृष्ठ संख्या 46 गायब है. पुनः 47 से 61 तक गणित विषय डाल दिया गया था, जो मामला काफी चर्चा में रही थी.
पंख पुस्तक में लगा दिया था उल्टा तिरंगा झंडा
विभाग द्वारा अक्सर ऐसी गलती कर शिक्षक व छात्रों को असमंजस में डालने में कोई कसर नहीं छोड़ती है. इससे पूर्व वर्ष 2018 के पंख नामक पुस्तक में विभाग द्वारा पेज संख्या 32 में नैतिक कविता के तहत देश हमारा नामक कविता छापी गयी थी, जिसमें तीन बच्चों को तिरंगा झंडा लहराते दिखाया गया था. आश्चर्य की बात यह थी कि बच्चों द्वारा लहराया जा रहा तीनों झंडा उल्टा था. मामले को लेकर उक्त किताब भी काफी सुर्खियों में आ गयी थी.
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