जमशेदपुर: टाटा स्टील के कर्मचारियों के लंबित वेज रिवीजन समझौता का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है. सोमवार को वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ यूनियन की मीटिंग में दो राउंड की वार्ता हुई. देर रात तक यह मीटिंग होती रही. इसमें वेज रिवीजन समझौता करने का फैसला लिया गया. सूत्रों के मुताबिक, छह से सात साल का समझौता करने पर मैनेमजेंट पूरी तरह तैयार हो चुकी है.
बताया जाता है कि यूनियन महंगाई भत्ता (डीए) को बचाने में कामयाब हो गयी है. मैनेजमेंट भी तैयार हो गया है कि डीए की किसी तरह की कोई कटौती नहीं की जायेगी.
दूसरी ओर, देर रात टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन शहर लौटे. उनके लौटने के बाद वार्ता में और तेजी आ सकती है. बताया जाता है कि पांच की बजाय सात साल का समझौता तो होगा, लेकिन एमजीबी भी ज्यादा होगा. इसको अलग-अलग नहीं करने का दबाव बनाया गया है और सफलता भी मिली है. ग्रेड रिवीजन में एमजीबी 17 फीसदी तक का प्रस्ताव था. चूंकि समय बढ़ेगा तो एमजीबी को भी 18 से 19 फीसदी तक करने की तैयारी है. कोल वेज को आधार बनाते हुए यह समझौता तो होगा, लेकिन डीए में कोई कटौती नहीं करने की बात कहीं गयी है.