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जमशेदपुर के रजिस्ट्रार पर कार्रवाई की अनुशंसा

जमशेदपुर: जिले के रजिस्ट्रार अशोक कुमार सिन्हा के खिलाफ एक पुराने मामले में कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी है. उन पर आरोप है कि बोकारो (चास) में रजिस्ट्रार रहते हुए उन्होंने इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड कंपनी को नियमों के विरूद्ध जाकर जमीन की रजिस्ट्री कर दी, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हुआ. इसकी जांच […]

जमशेदपुर: जिले के रजिस्ट्रार अशोक कुमार सिन्हा के खिलाफ एक पुराने मामले में कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी है. उन पर आरोप है कि बोकारो (चास) में रजिस्ट्रार रहते हुए उन्होंने इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड कंपनी को नियमों के विरूद्ध जाकर जमीन की रजिस्ट्री कर दी, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हुआ. इसकी जांच रिपोर्ट उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के निबंधन कार्यालयों के निरीक्षक रमाकांत तिवारी ने उपनिबंधन महानिरीक्षक को सौंपी है, जिसमें इस तरह की बातों का उल्लेख है.

अपनी रिपोर्ट में श्री तिवारी ने बताया है कि उन्होंने 16 से 18 मई तक बोकारो के निबंधन कार्यालय के निरीक्षण के दौरान इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड के वरीय पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखा. इस दौरान कंपनी के पक्ष में निबंधित 119 दस्तावेजों की जांच की गयी, जिससे कृषि और आवासीय श्रेणी कीभूमि दर्शा कर दस्तावेजों का निबंधन स्वीकार किया गया है. उक्त 119 दस्तावेज 20 अप्रैल 2006 से 11 जून 2006 के बीच निबंधित किये गये हैं. वहीं 11 जुलाई 2008 के बाद कंपनी द्वारा खरीदी गयी जमीन पर औद्योगिक और वाणिज्यिक दर पर मुद्रांक और निबंधन शुल्क भुगतान किये गये हैं. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि 20 अप्रैल 2006 से 11 जुलाई 2006 तक अशोक कुमार सिन्हा जिला अवर निबंधक के पद पर कार्यरत थे. यह पाया गया कि करीब 82 दस्तावेज अशोक कुमार सिन्हा ने जिला अवर निबंधक (रजिस्ट्रार) रहते हुए जबकि शेष 37 दस्तावेज प्रभारी जिला अवर निबंधक सह अंचलाधिकारी आसिफ इकराम द्वारा निबंधित किये गये. अचानक से 11 जुलाई 2006 के बाद निबंधित दस्तावेजों में औद्योगिक और वाणिज्यिक दर पर मुद्रांक शुल्क किस परिस्थिति में चुकाये गये.

क्या है मामला
बोकारो में वित्तीय वर्ष 2006-2007 में इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड कंपनी की स्थापना के लिए जमीन की खरीद की गयी थी. उस जमीन को खेती और आवासीय श्रेणी का बताते हुए रजिस्ट्री की गयी थी. उस वक्त जमशेदपुर के वर्तमान रजिस्ट्रार अशोक कुमार सिन्हा बोकारो में रजिस्ट्रार थे. झारखंड विधानसभा की प्रयोजन समिति द्वारा इस मामले की जांच की गयी, तो पाया कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है. इसके बाद उपनिबंधन महानिरीक्षक दीपेंद्र मणि ठाकुर ने उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हजारीबाग के निबंधन कार्यालयों के निरीक्षक रमाकांत तिवारी को जांच का जिम्मा सौंपा, जिसकी जांच रिपोर्ट उन्होंने सौंपी है.

राजस्व का नुकसान नहीं
‘‘राजस्व का किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. बोकारो में जो भी जमीन की रजिस्ट्री हुई है, वह नियम संगत की गयी है. जमीन की प्रकृति को बदलना मेरे बस में नहीं है, जिसके लिए हम खुद अधिकृत नहीं है. हम सही समय पर पूरे मामले पर अपना जवाब सौंप देंगे. आरोप निराधार है. -अशोक कुमार सिन्हा, रजिस्ट्रार, जमशेदपुर

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