जमशेदपुर : टाटा स्टील ने वेतन मद में होनेवाले खर्च को (वेज कॉस्ट) को कम करने का फैसला लिया है. इस बाबत टाटा स्टील प्रबंधन ने डिपार्टमेंट वाइज इंसेंटिव बोनस (डीडब्ल्यूआइबी) में कटौती करने का प्रस्ताव तैयार किया है. प्रबंधन द्वारा विभिन्न विभागों में कटौती का अलग-अलग प्रस्ताव बना कर टाटा वर्कर्स यूनियन को दिया गया है.
कंपनी की ओर से तैयार किये गये इस नये प्रस्ताव में आइबी को इतना कम कर दिया ही गया है कि अगर वार्ता होने पर भी उतना लाभ नहीं मिल पायेगा. आइबी कंपनी के बेहतर प्रोडक्शन और कर्मचारियों के प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न विभागों में अलग-अलग तय किया जाता है.
कई विभागों के आइबी का प्रस्ताव फाइनल किया गया है, लेकिन वर्तमान में करीब एक दर्जन विभाग ऐसे हैं, जिनका आइबी अभी तक लंबित है. टाटा वर्कर्स यूनियन को प्रबंधन की ओर से अबतक मात्र सात विभागों के आइबी का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें काफी कटौती की बात कहीं गयी है. कर्मचारी और कमेटी मेंबरों ने इस नये प्रस्ताव नाराजगी जाहिर की है. हालांकि,इस नये प्रस्ताव पर वार्ता होना बाकी है. वार्ता के बाद ही कुछ संभव हो सकेगा.
यूनियन के साथ वार्ता के बाद होगा अंतिम निर्णय
प्रस्ताव से क्या है परेशानी
– सभी विभागों का वार्षिक बिजनेस प्लान (एबीपी) यानी प्रोडक्शन का लेवल इतना ज्यादा कर दिया गया है कि शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर पाना ही मुश्किल है, ऐसे में आइबी का नुकसान होगा
– कई विभागों में आइबी वर्तमान में फ्रीज है, अगर नये सिरे से समझौता होता है , तो काफी नुकसान भी होगा
– इतना कम प्रस्ताव मैनेजमेंट ने दे दिया है कि समझौता तक पहुंचते-पहुंचते तक काफी कम ही बढ़ोत्तरी संभव है
– अधिकांश विभागों में लेबर यूटिलाइजेशन (एलयू) पर 10 प्वाइंट, ओपीपीएस पर 30 प्वाइंट और टीइएफ पर 20 प्वाइंट का प्रस्ताव दिया गया है
– एलयू, ओपीपीएस व टीइएफ का पैमाना भी इतना ज्यादा बड़ा और लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है कि उसको भी मिलने पर संकट हो सकता है