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जमशेदपुर : तीन साल के भांजे की पांचवें तल्ले से फेंक कर ली थी जान, आरोपी मामा को परिजनों ने पकड़ कर बांधा, पुलिस को सौंपा

जमशेदपुर : कदमा रामजनमनगर से तीन साल के भांजे शिवम शौर्य उर्फ ओम को अगवा कर मारनेवाले आरोपी मामा अनिकेत कुमार उर्फ आशुतोष झा को पुलिस ने आदित्यपुर बाबा आश्रम से गिरफ्तार कर लिया. वह रविवार रात करीब एक बजे घर लौटा था. परिजनों ने उसे रस्सी से बांध कर पुलिस को सूचना दी. इसके […]

जमशेदपुर : कदमा रामजनमनगर से तीन साल के भांजे शिवम शौर्य उर्फ ओम को अगवा कर मारनेवाले आरोपी मामा अनिकेत कुमार उर्फ आशुतोष झा को पुलिस ने आदित्यपुर बाबा आश्रम से गिरफ्तार कर लिया.
वह रविवार रात करीब एक बजे घर लौटा था. परिजनों ने उसे रस्सी से बांध कर पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पहुंची पुलिस ने उसे पकड़ लिया. आशुतोष ने पुलिस को बताया कि बहन से ईर्ष्या के कारण उसने घटना को अंजाम दिया.
12 दिसंबर को शिवम को घर से ले जाने के बाद वह उसे ऑटो से कई जगहों पर घुमाया. इसके बाद अंधेरा होने पर आरआइटी प्लेटिना सिटी के समीप एक अपार्टमेंट के पांचवें तल्ले से उसे नीचे फेंक दिया. इसके बाद वह ऑटो से गम्हरिया स्टेशन गया. वहां से ट्रेनें बदलते हुए मुंबई पहुंच गया. आशुतोष ने फोन पर परिवार वालों को हत्या करने की बात बता दी थी.
एसएसपी अनूप बिरथरे ने बताया, आशुतोष का मोबाइल जब्त कर लिया गया है. पहले उसने बताया कि किसी मिथिलेश झा ने शिवम को मारा है. पर पुलिस की सख्ती के बाद उसने सब कुछ बता दिया. आशुतोष ने पुलिस को बताया कि वह पढ़ाई में कमजोर था. तीन बार मैट्रिक में फेल हुआ.
वर्ष 2012 में उसकी बहन शारदा मिश्रा उसे पैतृक गांव सहरसा भेजना चाहती थी. इसको लेकर उसने बहन पर हसुआ से हमला भी किया था. शारदा कुछ दिनों तक टीएमएच में इलाजरत रही. शारदा की शादी के बाद शिवम का जन्म हुआ.
इसके बाद शिवम की तरफ परिवार वालों का झुकाव बढ़ता गया. पूरा परिवार उससे नफरत करने लगा. सनकी होने के कारण आशुतोष छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाता था. इस कारण बहन, पिता और भाई भी उसे डांट देते थे. इस वजह से ही उसने बहन से बदला लेने की ठानी और घटना को अंजाम दिया.
12 दिसंबर 2012 को उसकी बहन के साथ लड़ाई हुई थी, इस कारण उसने 12 दिसंबर को भी घटना को अंजाम देने की योजना बनायी थी. उसने तय किया था कि वह शिवम को तीन साल का नहीं होने देगा. 12 दिसंबर को वह अपनी बहन के घर गया.
उस समय बहन बाथरूम में कपड़े धो रही थी. एक कमरे में वह मोबाइल पर गेम खेल रहा था. कुछ दूरी पर भांजा रोने लगा. बहन ने बाथरूम से आकर उसे फटकार लगायी. इसके बाद वह भांजे को कुुरकुरे खिलाने के बहाने लेकर चला गया और उसकी हत्या कर दी.
बिलासपुर में ट्रेन छूट गयी
आशुतोष ने पुलिस बताया, टाटानगर स्टेशन से वह ट्रेन पर सवार होकर बिलासपुर पहुंचा. बिलासपुर में पानी पीने के लिए ट्रेन से उतर गया. इस बीच ट्रेन खुल गयी. लगभग आधे घंटे तक वह बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर बैठा रहा. इसके बाद दूसरी ट्रेन आयी, जिससे वह मुंबई चला गया. 14 दिसंबर को मुंबई पहुंचा. फिर रात में वापस शहर के लिए दूसरी ट्रेन पर सवार हो गया.
16 दिसंबर की रात साढ़े नौ बजे वह टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचा. इधर-उधर भटकने के बाद रात एक बजे वह आदित्यपुर बाबा आश्रम स्थित अपने आवास पहुंचा. यहां परिवार वालों ने उसे बांध दिया. पिटाई करने के बाद कदमा पुलिस को सूचना दी. पुलिस पहुंची और उसे पकड़ कर थाना ले आयी.
कई बार बदला ऑटो
आशुतोष ने बताया, भांजे को घर से ले जाने के बाद वह उसे नदी में फेंकना चाहता था. भांजे को साथ लेने के बाद ऑटो से आदित्यपुर पुल आया. वहां भीड़ होने के कारण शिवम को नदी में नहीं फेंक सका.
फिर कांड्रा रोड की ओर चला गया. गम्हरिया के पास भांजे काे उल्टी होने पर उसे वापस लेकर आदित्यपुर आया. आदित्यपुर में उसने ऑटो बदला. वहां से डिमना रोड दूसरे ऑटो में सवार होकर गया. डिमना रोड से मानगो पुल आया.
पुल पर जाली लगे रहने से वह शिवम को यहां भी नदी में नहीं फेंक सका. इसके बाद मानगो से ऑटो बुक कर आरआइटी ले गया. वहां प्लेटिना सिटी के पास एक अपार्टमेंट के पांचवें तल्ले से भांजे को फेंक दिया. घटना का समय लगभग आठ बजे थे. अपार्टमेंट से उतरकर वह पैदल टॉल ब्रिज की तरफ गया.
वहां ऑटो पर सवार होकर गम्हरिया स्टेशन पहुंचा. गम्हरिया से पैसेंजर ट्रेन पर सवार होकर टाटानगर रेलवे स्टेशन आया. टाटानगर से मुंबई जाने वाली ट्रेन पर सवार हो गया.

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