26 नवंबर को गब्बर और चंद्रशेखर को अपराधियों ने मारी थी गोली
कोलकाता के कोठारी अस्पताल में चल रहा था इलाज
गोली मारनेवाले छोटा बाबा और दीवान कर चुके हैं कोर्ट में सरेंडर
जमशेदपुर : एमजीएम के पिपला के पास फायरिंग में घायल गब्बर उर्फ मो इम्तियाज की शनिवार की देर रात कोलकाता में इलाज के दौरान मौत हो गयी. परिवार के लोग कोलकाता पहुंच गये हैं. कोलकाता से पोस्टमार्टम कराने के बाद उसका शव रविवार देर रात तक शव को जमशेदपुर लाया जायेगा.
26 नवंबर को गब्बर जवाहर नगर रोड नंबर 13 स्थित घर से सुबह नकद 80 हजार रुपये समेत पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड और आइ कार्ड लेकर निकला था. घर से निकलने से पहले उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आया था और केस मैनेज करने की बात कही थी.
उसके बाद वह बिना सोचे समझे ही घर से निकल गया. पिपला के पास कार में बैठ कर अमित हत्याकांड का केस मैनेज करने की बात सभी आपस में कर रहे थे. उसी दौरान छोटा बाबा व दीवाना के साथ गब्बर का विवाद हो गया और दोनों ने गब्बर और उसके दोस्त चंद्रशेखर को गोली मारी और मौके से फरार हो गये. चंद्रशेखर गौड़ को दो और गब्बर को एक गोली कान के पीछे लगी थी. उसके बाद उसे टीएमएच में भर्ती कराया गया था.
लेकिन डॉक्टर ऑपरेशन कर गोली निकाल नहीं पाये थे. उसके बाद गब्बर को बेहतर इलाज के लिए टीएमएच से कोठारी अस्पताल रेफर किया गया था. दो दिन पूर्व पुलिस की दबिश के कारण छोटा बाबा और दीवाना ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इस मामले में चंद्रशेखर ने छोटा बाबा उर्फ राजकुमार पर गोली चलाने का आरोप लगाया था.
कोठारी अस्पताल में भी नहीं हो पाया ऑपरेशन
गब्बर के परिजन ने बताया कि कोलकाता के कोठारी अस्पताल में भी गब्बर के कान के पीछे फंसी गोली का ऑपरेशन नहीं हो पाया. ऑपरेशन नहीं होने के कारण उसकी स्थिति और भी गंभीर हो गयी थी.
परिजनों के अनुसार कोठारी के डॉक्टरों ने बताया कि जब तक गब्बर के शरीर में सेंस नहीं आ पायेगा,तब तक गोली निकालने के लिए कोई भी ऑपरेशन का काम नहीं किया जा सकता है. ऐसे में ऑपरेशन करना खतरा बन सकता है. लेकिन घटना के बाद से गब्बर को होश नहीं आया था. जिस कारण से गोली निकालने के लिए ऑपरेशन नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी.